पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को गोपालगंज में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान अपने राजनीतिक भविष्य पर स्पष्ट रूप से बात की और सभी प्रकार के कयासों पर विराम लगा दिया।
यह बयान खासतौर पर उस समय आया जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन में नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोलने की बात कही थी, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बयान में कहा कि वह अब कहीं नहीं जा रहे हैं और उनके लिए अब एनडीए के साथ ही रहने का फैसला अंतिम है।
राजद के साथ गलती से जुड़ी बातों पर स्पष्ट किया अपना रुख
नीतीश कुमार ने इस समीक्षा बैठक में कहा कि वह अब किसी भी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। उनका यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि एक दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव ने यह बयान दिया था कि महागठबंधन में नीतीश कुमार के लिए हमेशा दरवाजा खुला हुआ है। इस बयान ने बिहार की राजनीति में फिर से अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने गलती से दो बार इधर से उधर (राजद के साथ) चले गए थे, लेकिन अब हमलोग (एनडीए) हमेशा साथ रहेंगे।” नीतीश कुमार ने इस बयान के जरिए यह साफ कर दिया कि उनका राजनीतिक भविष्य अब एनडीए के साथ ही जुड़ा रहेगा।
समीक्षा बैठक में भाजपा के जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे, जो नीतीश कुमार के इस बयान का स्वागत करने के साथ-साथ बिहार की प्रगति और विकास की दिशा को लेकर मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण से सहमत नजर आए।
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राजद के खिलाफ अपने कोर मुद्दों पर जमकर किया प्रहार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी समीक्षा बैठक के दौरान राजद के खिलाफ अपने पुराने मुद्दों पर भी जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार की हालत बेहद खराब थी। लोग शाम के समय घर से बाहर निकलने से डरते थे और राज्य में अपराध की घटनाएं आम हो चुकी थीं। उन्होंने कहा, “वर्ष 2005 से पहले बिहार में अस्पतालों में इलाज का कोई बेहतर इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं, और हिंदू-मुस्लिम के बीच अक्सर झगड़े होते थे। जबसे हमारी सरकार ने काम करना शुरू किया है, बिहार की स्थिति में सुधार आया है।”
कब्रिस्तानों की घेराबंदी और मंदिरों की चहारदीवारी पर बयान
नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने अब तक आठ हजार कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवा दी है। इसके अलावा, शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी भी जल्द ही कर दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने मंदिरों में मूर्ति चोरी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर मंदिरों की चहारदीवारी बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इन मुद्दों पर गंभीरता से काम किया है और भविष्य में भी इन क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए योजनाओं पर काम किया जाएगा।
महिलाओं के उत्थान पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में महिलाओं के उत्थान को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2016 में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है। इसके अलावा, बिहार में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या अब 10.61 लाख हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि उनका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है और इसी दिशा में उनकी सरकार लगातार काम कर रही है।
सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसरों पर चर्चा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसरों पर भी अपनी सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2020 तक उनकी सरकार ने आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी थी, और इसके बाद उन्होंने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य तय किया था। अब तक नौ लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 2025 तक 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाने का लक्ष्य है।
समीक्षा बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई प्रमुख मुद्दों पर बात की। उन्होंने बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों और अन्य विकास कार्यों के बारे में भी बताया। उनकी सरकार की योजनाओं का लक्ष्य राज्य में विकास के साथ-साथ हर वर्ग को रोजगार और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने बिहार में पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से विकास कार्यों को बढ़ावा दिया है, उसका असर अब साफ दिखाई दे रहा है।
नीतीश कुमार ने कहा, “हमारी सरकार ने जो काम किए हैं, उनके परिणाम अब राज्य में नजर आ रहे हैं। लोग अब डर के बजाय अपने घरों से बाहर निकलते हैं। अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था है, सड़कें बेहतर हो गई हैं और बिहार में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य पर स्पष्ट रूप से बात की और यह सुनिश्चित किया कि वह अब एनडीए के साथ ही रहेंगे। उनके बयान से यह भी स्पष्ट हो गया कि वह अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को लेकर संतुष्ट हैं और आने वाले समय में और सुधार की उम्मीद रखते हैं।
राजद के खिलाफ उनके बयान और महिलाओं के उत्थान के लिए उनकी सरकार की योजनाएं निश्चित रूप से बिहार की राजनीति को प्रभावित करेंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह बिहार में विकास और सुधार की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं।