भारत को सुरक्षा के मोर्चे पर सतर्क रहने की जरूरत पर जोर देते हुए, महू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को आंतरिक और बाहरी खतरों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने की सलाह दी। जानें उनकी यात्रा की पूरी जानकारी।

मध्य प्रदेश के महू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए देश की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा क्योंकि देश उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर बढ़ती चुनौतियां
रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत को सुरक्षा के मामले में भाग्यशाली नहीं कहा जा सकता। हमारे उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर लगातार तनाव बना रहता है। इसके साथ ही, आंतरिक खतरों से भी हमें निपटना पड़ता है। ऐसे में हमें हर समय सतर्क रहना चाहिए और दुश्मनों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा के लिए केवल बाहरी खतरों को ही नहीं, बल्कि आंतरिक समस्याओं को भी गंभीरता से लेना होगा।
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आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर जोर
महू के आर्मी वॉर कॉलेज, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल का दौरा करते हुए रक्षा मंत्री ने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा, “भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सैनिकों का अनुशासन और समर्पण इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।”
महू छावनी: सैन्य प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र
महू छावनी देश के सबसे प्रमुख सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों में से एक है। यहां स्थित संस्थानों में सैनिकों को आधुनिक युद्ध कौशल सिखाया जाता है। राजनाथ सिंह ने इन प्रशिक्षण केंद्रों के योगदान को सराहा और कहा कि यहां का प्रशिक्षण और अनुशासन सभी के लिए प्रेरणा है।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि महू छावनी का साफ-सुथरा वातावरण और सैनिकों का समर्पण उनके लिए व्यक्तिगत रूप से प्रेरणादायक है।
इन्फैंट्री म्यूजियम का दौरा
महू दौरे के दौरान रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री म्यूजियम का भी दौरा किया। यहां उन्हें भारतीय सेना के इतिहास और आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी दी गई। म्यूजियम में प्रदर्शित उन्नत हथियार और तकनीकी उपकरणों को देखकर उन्होंने सेना की तैयारियों की सराहना की।
महू में सेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री को बताया कि यहां एक उन्नत इनक्यूबेशन और रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र आधुनिक तकनीकों को विकसित करने और उन्हें सेना में लागू करने में मदद करेगा।
बरखाना में सैनिकों से मुलाकात
महू छावनी के आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित बरखाना कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने जवानों और अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने सैनिकों के समर्पण और मेहनत को सराहा और उन्हें राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व निभाने के लिए प्रेरित किया।
महू यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को सामाजिक समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।
सुरक्षा पर सतर्कता की आवश्यकता
राजनाथ सिंह ने जवानों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा, “यह समय जिसे हम शांति काल कहते हैं, वास्तव में युद्धकाल से कम नहीं है। आपका प्रशिक्षण और तैयारी हमें विश्वास दिलाता है कि आप हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश के सामने आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के खतरों से निपटने की जिम्मेदारी केवल सेना की ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी है।
अनुशासन और समर्पण की मिसाल
रक्षा मंत्री ने सेना के अनुशासन और स्वच्छता की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनसे देश को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, “आपका समर्पण और काम के प्रति लगन हम सभी के लिए एक उदाहरण है। यह केवल सेना तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पूरे समाज में फैलना चाहिए।”
महू यात्रा का महत्व
राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारतीय सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें नई तकनीकों के लिए प्रेरित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण थी। उन्होंने सेना के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर उनके प्रयासों की सराहना की और देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिया।
रक्षा मंत्री के इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। सेना के जवानों का अनुशासन और समर्पण देश को हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रखेगा।