स्वान डिफेंस का पुनर्लिस्टिंग: भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में नई शुरुआत

Admin
5 Min Read

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SDHI) के शेयरों की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर पुनर्लिस्टिंग हुई। इस मौके पर शेयरों ने 5% अपर सर्किट को छूते हुए 37.78 रुपये पर स्थिरता पाई। यह पुनर्लिस्टिंग भारतीय शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है, खासकर जब कंपनी ने रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग का अधिग्रहण किया है।

स्वान डिफेंस का पुनर्लिस्टिंग: भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में नई शुरुआत
स्वान डिफेंस का पुनर्लिस्टिंग: भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में नई शुरुआत

पुनर्लिस्टिंग के मुख्य बिंदु:

  • शेयर की कीमत: SDHI के शेयरों की शुरुआती कीमत 35.99 रुपये रही, जो कुछ ही समय में 5% की बढ़त के साथ 37.78 रुपये पर बंद हुई।
  • सेंसेक्स प्रदर्शन: इस दौरान सेंसेक्स भी 0.7% की बढ़त के साथ कारोबार करता देखा गया।

‘T’ ग्रुप के तहत सूचीबद्ध

SDHI के शेयरों को ‘T’ ग्रुप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें हर लेन-देन पर अनिवार्य डिलीवरी की आवश्यकता होती है। इस ग्रुप के तहत इंट्राडे ट्रेडिंग, BTST और STBT जैसी ट्रेडिंग गतिविधियों की अनुमति नहीं होती। यह नियम सुनिश्चित करता है कि हर लेन-देन में वास्तविक शेयरों का आदान-प्रदान हो।

स्वान डिफेंस: शिपबिल्डिंग का भविष्य

स्वान डिफेंस भारत की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग और हेवी फैब्रिकेशन कंपनी है। इसकी आधुनिक शिपयार्ड सुविधा में 662 मीटर x 65 मीटर का ड्राई डॉक और प्रति वर्ष 1,44,000 टन की फैब्रिकेशन क्षमता है। कंपनी नवीनतम तकनीकों और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके समुद्री और हेवी फैब्रिकेशन क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले समाधान प्रदान करती है।

विवेक मर्चेंट, निदेशक, स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज, ने कहा, “ट्रेडिंग की बहाली हमारे शिपयार्ड को एक प्रमुख वैश्विक समुद्री हब में बदलने की यात्रा की शुरुआत है। हम भारत की शिपबिल्डिंग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।”

भारतीय तटरक्षक जहाज का सफल पुनःसज्जा

हाल ही में, स्वान डिफेंस ने भारतीय तटरक्षक के फास्ट पैट्रोल वेसल, राज रत्न का पुनःसज्जा कार्य निर्धारित समय से पहले पूरा किया। यह सफलता कंपनी की परियोजना निष्पादन क्षमता को दर्शाती है और इसे समुद्री क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

शेयरधारिता और इक्विटी संरचना

रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) के पुराने शेयरों को स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज के शेयरों में 275 RNEL शेयरों के बदले 1 स्वान डिफेंस शेयर के अनुपात में बदल दिया गया है। इस पुनर्लिस्टिंग के बाद, कंपनी के सार्वजनिक शेयरधारकों के पास कुल 26.81 लाख शेयर हैं, जबकि NCLT अधिग्रहणकर्ता हेज़ल इंफ्रा के पास अतिरिक्त 5 करोड़ शेयर हैं, जिससे कुल इक्विटी 52.68 करोड़ रुपये हो जाती है।

विविधीकृत उपक्रम

स्वान एनर्जी ने कपड़ा और रियल एस्टेट के अपने मूल व्यवसायों के अलावा कई उच्च-विकास क्षेत्रों में भी विस्तार किया है:

  • FSRU JV: AG&P टर्मिनल्स एंड लॉजिस्टिक्स (सिंगापुर) के साथ, जिसमें स्वान की 51% हिस्सेदारी है।
  • रक्षा, रेलवे और एयरोस्पेस: बलू फोर्ज के साथ विशेष साझेदारी, जिसमें स्वान की 60% हिस्सेदारी है।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट: नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ, जिसमें स्वान की 55% हिस्सेदारी है।
  • वेरिटास: वैश्विक बाजार में पॉलिमर और पेट्रोकेमिकल्स के वितरण में, जिसमें स्वान की 55% हिस्सेदारी है।

वैश्विक समुद्री हब की दिशा में कदम

स्वान डिफेंस का पुनर्लिस्टिंग और रीब्रांडिंग भारत को वैश्विक शिपबिल्डिंग में एक अग्रणी खिलाड़ी बनाने के उद्देश्य से की गई एक रणनीतिक पहल है। कंपनी ने पहले से ही रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग का सफलतापूर्वक अधिग्रहण कर लिया है और अपनी उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

स्वान डिफेंस की इस नई यात्रा ने निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है, और यह भारत की समुद्री और औद्योगिक क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। विवेक मर्चेंट ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि कंपनी का विजन अपने शिपयार्ड को नवाचार और शिल्प कौशल का एक वैश्विक केंद्र बनाना है, जो भारत की स्थिति को दुनिया की शीर्ष शिपबिल्डिंग राष्ट्रों में उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी को निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना आवश्यक है। लेखक और प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या पूर्णता की कोई गारंटी नहीं देते हैं और किसी भी निवेश निर्णय के परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *