प्रियंका गांधी, कांग्रेस पार्टी की महासचिव, ने एक बार फिर अपने विवादास्पद बयानों और हरकतों से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। हाल ही में संसद में पलेस्टाइन का समर्थन करते हुए एक बैग ले जाने को लेकर वह बीजेपी के निशाने पर आ गई हैं।

उनके इस कृत्य को बीजेपी ने एक सशक्त राजनीतिक बयान माना है, जो न केवल पलेस्टाइन बल्कि बांग्लादेशी हिंदुओं के मुद्दे को भी नज़रअंदाज करता है। यही कारण है कि इस मुद्दे ने राजनीतिक बहस को और अधिक तीव्र कर दिया है।
प्रियंका गांधी का पलेस्टाइन बैग विवाद
संसद में प्रियंका गांधी ने जिस बैग को कैरी किया, उस पर पलेस्टाइन का झंडा छपा हुआ था। इस बैग के साथ प्रियंका का फोटो वायरल होते ही बीजेपी नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि प्रियंका गांधी का यह कृत्य भारत के राष्ट्रवाद के खिलाफ है और यह दर्शाता है कि वह पलेस्टाइन के मुद्दे को प्राथमिकता देती हैं, जबकि देश में हो रहे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनका ध्यान नहीं है।
पलेस्टाइन के समर्थन को लेकर प्रियंका गांधी ने अपनी सफाई दी, लेकिन बीजेपी नेताओं ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति के रूप में पेश किया। बीजेपी के अनुसार, प्रियंका गांधी द्वारा पलेस्टाइन का समर्थन करना केवल एक राजनीतिक बयानबाजी है, जो उनके राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए है। बीजेपी का आरोप है कि प्रियंका गांधी खुद को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पेश करने के बजाय, अपने परिवार की पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं।
बांग्लादेशी हिंदू मुद्दा और प्रियंका का मौन
प्रियंका गांधी पर बीजेपी का यह भी आरोप है कि वह बांग्लादेशी हिंदुओं के मुद्दे पर चुप्प हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों और धार्मिक उत्पीड़न को लेकर प्रियंका गांधी ने कभी कोई बयान नहीं दिया। बीजेपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और प्रियंका गांधी से पूछा कि वह जब पलेस्टाइन का समर्थन कर सकती हैं, तो क्यों बांग्लादेशी हिंदुओं के उत्पीड़न पर चुप रहती हैं।
इस मुद्दे पर बीजेपी नेता अमित मालविया ने कहा कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी की चुप्पी बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाती है। उनका कहना था कि कांग्रेस का ध्यान सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण पर है, जबकि हिंदू समुदाय की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
प्रियंका गांधी द्वारा बांग्लादेशी हिंदुओं के उत्पीड़न पर मौन रहना कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को लेकर सवाल खड़ा करता है। बीजेपी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपनी नीति में बदलाव लाकर हिंदू समुदाय की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए, बजाय इसके कि वह विदेशों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
बीजेपी का प्रियंका गांधी पर हमला
बीजेपी के नेताओं ने प्रियंका गांधी के इस कृत्य को कांग्रेस पार्टी की राजनीति का एक हिस्सा माना है। बीजेपी ने यह आरोप भी लगाया कि प्रियंका गांधी और उनके परिवार के सदस्य हमेशा से देश में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति करते आए हैं। बीजेपी के अनुसार, प्रियंका गांधी की यह हरकतें सिर्फ अपने परिवार के राजनीतिक लाभ के लिए हैं, और उनके लिए देश की असल समस्याओं का कोई महत्व नहीं है। सम्बित पात्रा ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी को यह समझना चाहिए कि पलेस्टाइन का समर्थन करना किसी भी भारतीय नेता के लिए एक नकारात्मक संदेश देता है, क्योंकि यह भारतीय जनता की भावनाओं के खिलाफ है।
कांग्रेस का जवाब
प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनका पलेस्टाइन के समर्थन का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने विश्वासों के आधार पर ही अपनी राय रखती हैं और कोई भी उन्हें यह नहीं बता सकता कि उन्हें क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ बीजेपी का हमला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और वह हमेशा अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
कांग्रेस पार्टी ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी का उद्देश्य हमेशा से इंसानियत और शांति का समर्थन करना रहा है, और पलेस्टाइन का समर्थन करने का उनका निर्णय इसी सोच का हिस्सा है। कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया और कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक हंगामा है।
प्रियंका गांधी के कृत्य की संभावित राजनीति
प्रियंका गांधी के कृत्य को देखकर यह कहा जा सकता है कि उनका यह कदम केवल एक राजनीतिक रणनीति हो सकता है। कांग्रेस पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने आधार को बनाए रखे, खासकर उन वर्गों को जो धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार के पक्षधर हैं। पलेस्टाइन के समर्थन में प्रियंका का कदम शायद कांग्रेस के इस विचारधारा के प्रतीक के रूप में सामने आया हो। हालांकि, बीजेपी इसे तुष्टिकरण की राजनीति और देश विरोधी हरकत के रूप में पेश कर रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रियंका गांधी के इस विवाद से कांग्रेस को एक ओर राजनीतिक मोर्चे पर नुकसान हो सकता है।
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निष्कर्ष
प्रियंका गांधी के पलेस्टाइन बैग और बांग्लादेशी हिंदू मुद्दे पर चुप्पी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच की यह राजनीतिक लड़ाई यह दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में अब एक नया मोड़ आ चुका है। जहां एक ओर प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी इसे अपनी राय और विश्वास का मुद्दा मानते हैं, वहीं बीजेपी इसे तुष्टिकरण और देश विरोधी राजनीति के रूप में देखती है। इस विवाद का राजनीतिक प्रभाव आने वाले समय में कांग्रेस और प्रियंका गांधी की छवि पर गहरा असर डाल सकता है।