एक रात, एक फैसला – मोटिवेशनल कहानी ( Motivational Story In Hindi)

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एक रात, एक फैसला – मोटिवेशनल कहानी: यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी संध्या और रवि के संघर्ष, साहस और एक बड़े फैसले की दास्तान बयां करती है।

एक रात, एक फैसला - मोटिवेशनल कहानी ( Motivational Story In Hindi)
एक रात, एक फैसला – मोटिवेशनल कहानी ( Motivational Story In Hindi)

रात के अंधेरे में आसपास नजर डालते हुए, संध्या सिर पर चुनरी डालकर दीवार लांघ ही गई और बहुत हिम्मत कर के रवि के दरवाजे को भीतर की ओर धकेल दिया!!

रवि कुर्सी पर बैठा शायद कोई किताब पढ़ रहा था। हल्की टेबल लैंप की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी, जिससे उसकी आंखों में एक अजीब-सा सूनापन झलक रहा था।

दरवाजा खुलने की हल्की-सी आवाज़ से रवि चौंका। उसने सिर उठाकर देखा, और सामने संध्या को खड़े पाया।

“तुम? इतनी रात को?” रवि ने हैरानी से पूछा।

संध्या की सांसें तेज़ चल रही थीं, शायद भागने के कारण या फिर डर के मारे।

“रवि, मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है। मुझे तुमसे कुछ बहुत जरूरी बात करनी है।”

रवि ने किताब बंद की और गहरी सांस लेते हुए संध्या की ओर देखा। “क्या हुआ संध्या? तुम्हारी आवाज़ काँप रही है। क्या कोई परेशानी है?”

संध्या ने पीछे मुड़कर दरवाजे को हल्के से बंद किया और कमरे के भीतर आ गई। उसकी आंखों में एक अजीब-सी घबराहट थी।

“रवि, मुझे यहां से भागना होगा! अभी, इसी वक्त!”

रवि अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ। “भागना? लेकिन क्यों? क्या हुआ?”

संध्या की आंखों से आंसू छलक पड़े। “घर में मेरी शादी की बात पक्की कर दी गई है। पापा ने किसी सेठ के बेटे से मेरी शादी तय कर दी है, जो मुझसे उम्र में दोगुना बड़ा है। मैं उस आदमी से शादी नहीं कर सकती, रवि! और तुम जानते हो क्यों…”

रवि का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने संध्या की तरफ एक कदम बढ़ाया। “तुम मुझसे प्यार करती हो, ना?”

संध्या ने धीरे से सिर हिलाया और फूट-फूटकर रोने लगी। रवि ने उसकी आँखों में देखा, उसमें एक बेइंतहा दर्द था।

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“हम साथ भाग सकते हैं, रवि! मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती।”

रवि को मानो किसी ने झकझोर दिया हो। उसने संध्या को पकड़कर पास बैठाया। “संध्या, इस तरह भागना कोई हल नहीं है। यह तुम्हारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला होगा। क्या तुमने अच्छे से सोचा है?”

संध्या ने आंसू पोंछते हुए जवाब दिया, “मैंने बहुत सोचा है, रवि। लेकिन मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है। अगर मैं घर गई, तो वे मुझे जबरदस्ती शादी के लिए तैयार कर देंगे।”

रवि कुछ देर सोचता रहा। उसके दिमाग में कई सवाल घूम रहे थे। आखिरकार, उसने संध्या का हाथ थाम लिया। “अगर तुम्हारा यही फैसला है, तो मैं तुम्हारे साथ हूं।”

संध्या की आंखों में आशा की एक किरण चमकी। “सच, रवि?”

रवि ने सिर हिलाया, “हां, लेकिन हमें बहुत समझदारी से काम लेना होगा।”

दोनों ने कुछ जरूरी सामान उठाया और जल्दी से रवि की मोटरसाइकिल की तरफ बढ़े। रात के सन्नाटे में सिर्फ मोटरसाइकिल के इंजन की गूंज सुनाई दे रही थी।

गांव की गलियों को पार करते हुए दोनों हाईवे की ओर निकल गए। हवा में एक अनकही बेचैनी थी।

“अब हम कहां जाएंगे?” संध्या ने रवि से पूछा।

“शहर, जहां कोई हमें पहचानता न हो। वहां से हम अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे।” रवि ने आत्मविश्वास से कहा।

लेकिन अचानक, पीछे से किसी गाड़ी की हेडलाइट्स उन पर पड़ी। रवि ने शीशे में देखा—संध्या के पिता और कुछ आदमी उनका पीछा कर रहे थे।

संध्या डर से रवि के और करीब सट गई। “रवि, वे हमें पकड़ लेंगे!”

रवि ने बाइक की गति बढ़ा दी, लेकिन सड़क पर कुछ दूर पुलिस की एक गाड़ी खड़ी थी।

रवि ने तुरंत बाइक रोक दी। पुलिस अफसर ने उन्हें देखते ही पूछा, “कहाँ जा रहे हो इतनी रात में?”

संध्या घबराकर चुप रही, लेकिन रवि ने हिम्मत जुटाकर कहा, “हम अपनी मर्जी से जा रहे हैं, सर। हम दोनों बालिग हैं, और हम भाग नहीं रहे—बल्कि अपना जीवन अपने तरीके से जीना चाहते हैं।”

तभी पीछे से संध्या के पिता आ गए। “इसे हमारे हवाले कर दीजिए, यह हमारी इज्जत का सवाल है।” उन्होंने गुस्से में कहा।

लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर ने संध्या की तरफ देखा। “बेटा, क्या तुम किसी दबाव में हो?”

संध्या ने गहरी सांस ली और दृढ़ स्वर में जवाब दिया, “नहीं, सर। मैं अपनी मर्जी से रवि के साथ जा रही हूँ।”

इंस्पेक्टर ने कुछ देर सोचा और फिर संध्या के पिता की तरफ देखकर कहा, “आपकी बेटी बालिग है। कानून के हिसाब से, हम इसे जबरदस्ती आपके साथ नहीं भेज सकते। अगर ये दोनों अपनी जिंदगी साथ बिताना चाहते हैं, तो यह इनका हक है।”

संध्या के पिता गुस्से से बौखला गए, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में कुछ कर नहीं सके।

रवि ने संध्या की ओर देखा। “अब कोई हमें रोक नहीं सकता, संध्या। अब हमें सिर्फ अपने भविष्य की ओर बढ़ना है।”

संध्या की आंखों में नमी थी, लेकिन अब वो डर की नहीं, बल्कि खुशी की थी।

दोनों ने मोटरसाइकिल स्टार्ट की और अपने सपनों की ओर निकल पड़े।

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