दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 14 के प्रशांत विहार इलाके में रविवार सुबह करीब 7:30 बजे हुए धमाके ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए इस धमाके की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी, और इसके बाद पुलिस, एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी), और एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स) जैसी तमाम जांच एजेंसियों ने घटना स्थल का दौरा किया। धमाके के बाद एंटी टेरर यूनिट और स्पेशल सेल ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है।

धमाके की घटना और शुरुआती जांच
धमाका सीआरपीएफ स्कूल की बाउंड्री के पास हुआ, जिसकी वजह से स्कूल की मजबूत दीवार में बड़ा गड्ढा बन गया। शुरुआती जांच में पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और आसपास के 5000 से अधिक मोबाइल फोन डेटा की जांच करने का काम शुरू किया। धमाके के कुछ ही समय पहले का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसमें धमाके से ठीक पहले एक स्कूटर सवार व्यक्ति नजर आता है। धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी दो कारें और स्कूल की दीवार बुरी तरह प्रभावित हुईं।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस के साथ-साथ एनआईए, एनएसजी, और अन्य एजेंसियां हर पहलू से इस मामले की जांच में जुटी हैं। गृह मंत्रालय ने भी इस घटना पर दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जांच के दौरान, पुलिस को मौके से सफेद पाउडर के अवशेष मिले हैं, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि धमाका किसी साजिश का हिस्सा था या फिर यह एक संदेश देने की कोशिश थी।
सीआरपीएफ स्कूल का महत्व और संभावित साजिश
सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास धमाका होना एक चिंता का विषय है, क्योंकि यहां हर दिन बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री जवानों के बच्चे पढ़ते हैं। धमाके के लिए रविवार का दिन चुना गया, जब स्कूल में छुट्टी थी और भीड़ कम थी। हालांकि, अगर यह धमाका किसी और समय पर होता, तो जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था। घटना स्थल के पास के इलाके में कई खाने-पीने की दुकानें हैं, जहां अक्सर बड़ी संख्या में लोग आते हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां इस धमाके के पीछे के मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर अफवाहें और पाकिस्तान का दावा
इस धमाके के बाद सोशल मीडिया और कुछ टेलीग्राम चैनल्स पर अफवाहें फैलने लगीं। कुछ पाकिस्तानी टेलीग्राम चैनल्स ने दावा किया कि इस धमाके के पीछे खालिस्तान समर्थक तत्वों का हाथ हो सकता है। इन चैनलों पर सीसीटीवी फुटेज डालकर धमाके का दावा किया गया, जिसे पाकिस्तान में चलने वाले अन्य चैनल्स पर भी शेयर किया गया। हालांकि, जांच एजेंसियों ने अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं की है और हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं।
राजनीतिक विवाद और दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया
इस धमाके के बाद दिल्ली की राजनीति भी गर्म हो गई है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार और एलजी विनय सक्सेना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में एक बम ब्लास्ट हुआ है, तो एलजी साहब को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचना चाहिए था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है।
स्थानीय लोगों का अनुभव और डर
इस धमाके से स्थानीय लोग दहशत में आ गए हैं। आसपास के निवासियों का कहना है कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि उन्होंने पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था। कई लोगों ने इसे गैस सिलेंडर के फटने की घटना समझा, लेकिन जब उन्होंने धुएं का गुबार देखा, तो उन्हें मामला गंभीर लगा। धमाके के कारण इलाके में दो किलोमीटर तक के दायरे में सफेद धुएं का गुबार फैल गया, जिससे इलाके के लोग बाहर आ गए और पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया।
क्या था धमाके का मकसद?
अभी तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धमाके के पीछे का मकसद क्या था। लेकिन कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं कि साजिशकर्ता किसी तरह का संदेश देना चाहते थे। जिस तरह से सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास धमाका हुआ, उससे लगता है कि इसे जानबूझकर एक खास संदेश देने के लिए अंजाम दिया गया। हालांकि, जांच एजेंसियां अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची हैं और वे हर संभव दिशा में जांच कर रही हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली के रोहिणी में हुए इस धमाके ने शहर को दहला दिया है। यह घटना राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस धमाके में किसी की जान नहीं गई। लेकिन जांच एजेंसियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण मामला है। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि इस घटना के पीछे के असली साजिशकर्ता बेनकाब होंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी पूरे देश की नजरें इस जांच पर टिकी हुई हैं।