क्या बनाता है किसी को NSG कमांडो? ट्रेनिंग, चुनौतियां और सैलरी की पूरी जानकारी

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राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जिसे आमतौर पर ब्लैक कैट कमांडो के नाम से जाना जाता है, देश की सबसे विशिष्ट और भरोसेमंद सुरक्षा बल है। 1984 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इसे विशेष रूप से आतंकवाद और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए बनाया गया था। आज, यह संगठन भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

क्या बनाता है किसी को NSG कमांडो? ट्रेनिंग, चुनौतियां और सैलरी की पूरी जानकारी
क्या बनाता है किसी को NSG कमांडो? ट्रेनिंग, चुनौतियां और सैलरी की पूरी जानकारी

एनएसजी कमांडो को उनके साहस और अद्वितीय कौशल के लिए जाना जाता है। ये वो सैनिक हैं जो किसी भी संकट में पलक झपकते दुश्मन को खत्म करने की काबिलियत रखते हैं। लेकिन ऐसा बनना आसान नहीं है। इसके पीछे कठिन प्रशिक्षण और गहरी प्रतिबद्धता होती है।

कठिन ट्रेनिंग: एक असंभव को संभव बनाने की प्रक्रिया

एनएसजी कमांडो बनने के लिए उम्मीदवारों को अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। यह प्रक्रिया केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होती है।

चयन प्रक्रिया

  1. सर्वश्रेष्ठ सैनिकों का चयन:
    एनएसजी में शामिल होने के लिए उम्मीदवार पहले से ही भारतीय सेना, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, और अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेज के सर्वश्रेष्ठ जवान होते हैं।
  2. कठोर प्रारंभिक परीक्षण:
    मानेसर स्थित एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर में 90 दिन की कठिन ट्रेनिंग होती है। इसके पहले, एक सप्ताह की प्रारंभिक ट्रेनिंग होती है, जहां केवल 15-20% उम्मीदवार ही अगले चरण में पहुंच पाते हैं।
  3. फाइनल ट्रेनिंग:
    जो सैनिक 90 दिन की ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं, वे एनएसजी के सबसे मजबूत योद्धा बनते हैं। इस दौरान उन्हें हर तरह की स्थिति के लिए तैयार किया जाता है:
    • शारीरिक गतिविधियां: लंबी दूरी तक दौड़ना, भारी वजन उठाना, खराब मौसम में फिजिकल ट्रेनिंग।
    • मानसिक प्रशिक्षण: तनावपूर्ण परिस्थितियों में निर्णय लेना, शांत रहना, और टीम वर्क करना।
    • विशेष कौशल: बम निष्क्रिय करना, हवाई हमलों से निपटना, और विभिन्न हथियारों का उपयोग करना।
    • सर्वाइवल स्किल्स: जंगल में नेविगेशन, खाना ढूंढना, दुश्मनों से छिपना, और अंधेरे में लड़ाई करना।

मनोवैज्ञानिक परीक्षण

ट्रेनिंग के अंत में सैनिकों को मनोवैज्ञानिक परीक्षण से गुजरना होता है। यह चरण सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवार मानसिक रूप से किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

एनएसजी की संरचना और कार्यकाल

एनएसजी का गठन भारतीय सेना और पैरामिलिट्री बलों से विशेष रूप से चुने गए जवानों से होता है।

  • 53% कमांडो सेना से आते हैं।
  • 47% पैरामिलिट्री बलों से आते हैं (CRPF, ITBP, BSF)।

कमांडो का कार्यकाल अधिकतम 5 वर्षों का होता है। लेकिन केवल 15-20% कमांडो ही इतने लंबे समय तक एनएसजी में रह पाते हैं। बाकी को तीन साल के बाद उनकी मूल फोर्स में वापस भेज दिया जाता है एनएसजी कमांडो को मुख्य रूप से एंटी हाईजैक ऑपरेशन, आतंकी हमले का जवाब, बंधकों को छुड़ाना, और उग्रवादियों का सफाया करने जैसे मिशनों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

NSG कमांडो की प्रमुख उपलब्धियां

इन बहादुर सैनिकों ने देश के कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया और सफलता हासिल की:

  • मुंबई 26/11 आतंकी हमला: एनएसजी कमांडो ने बहादुरी दिखाते हुए कई जानें बचाईं।
  • पठानकोट एयरबेस हमला: आतंकियों को मार गिराया।
  • अक्षरधाम मंदिर हमला: निर्दोष लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाई।

सैलरी और सुविधाएं: देश के लिए सर्वोच्च सम्मान

एनएसजी कमांडो को न केवल सम्मान और प्रशंसा मिलती है, बल्कि आर्थिक रूप से भी कई लाभ दिए जाते हैं।

सैलरी

  • ट्रेनिंग के दौरान: ₹18,000 प्रतिमाह स्टाइपेंड।
  • ट्रेनिंग के बाद: ₹40,000 से ₹85,000 प्रतिमाह तक सैलरी।

सुविधाएं

  • यात्रा भत्ता।
  • महंगाई भत्ता।
  • मुफ्त राशन।
  • कैंटीन सुविधा।
  • सरकारी आवास।
  • मुफ्त शिक्षा।
  • चिकित्सा सुविधाएं।
  • पेंशन योजना।

NSG कमांडो बनने के लिए योग्यताएं

एनएसजी कमांडो बनने के लिए केवल शारीरिक शक्ति नहीं, बल्कि योग्यताओं का भी महत्व है:

  1. शैक्षणिक योग्यता: मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट।
  2. आयु सीमा: 35 वर्ष से कम।
  3. कार्य अनुभव: सशस्त्र बलों या पुलिस में कम से कम तीन साल की सेवा।
  4. शारीरिक और मानसिक फिटनेस: पूरी तरह स्वस्थ और फिट होना अनिवार्य।

 हर सैनिक NSG कमांडो नहीं बन सकता

एनएसजी कमांडो बनने का सपना हर सैनिक देखता है, लेकिन इसे साकार करना केवल कुछ खास और साहसी सैनिकों के ही बस की बात है। ये कमांडो अपने परिवार और आराम को त्यागकर देश की सुरक्षा में दिन-रात जुटे रहते हैं। उनकी मेहनत, त्याग और समर्पण को सलाम करना हमारा कर्तव्य है।

आज जब हम अपने घर में सुरक्षित महसूस करते हैं, तो उसके पीछे ऐसे वीर जवानों की अद्भुत कहानियां और बलिदान छिपा होता है। एनएसजी कमांडो बनने की राह कठिन जरूर है, लेकिन यह देश सेवा का सर्वोच्च मार्ग है। यूं ही नहीं कोई एनएसजी कमांडो बन जाता… इसके लिए न केवल ताकत बल्कि अडिग इरादों की भी जरूरत होती है।

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