भारत बन चुका है रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार, रूस के उप प्रधानमंत्री ने की नई संभावनाओं की बात

Admin
6 Min Read

रूस के पहले उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव ने मंगलवार को भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में महत्वपूर्ण प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार में आगे और वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। वे इस समय भारत में हैं, जहां वे 25वीं भारत-रूस अंतरसरकारी आयोग (India-Russia Intergovernmental Commission) की बैठक में शामिल होने के लिए आए हैं। मांतुरोव ने इस अवसर पर पिछले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई पाँच गुना वृद्धि की सराहना की और भविष्य में और अधिक वृद्धि की उम्मीद जताई।

भारत बन चुका है रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार, रूस के उप प्रधानमंत्री ने की नई संभावनाओं की बात
भारत बन चुका है रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार, रूस के उप प्रधानमंत्री ने की नई संभावनाओं की बात

भारत अब रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार

मांतुरोव ने कहा, “यहां मैं इस स्थिर सकारात्मक गति को विशेष रूप से रेखांकित करना चाहता हूं, और पिछले पांच वर्षों में हमारे व्यापार का कारोबार पांच गुना बढ़ चुका है। अब भारत रूस के लिए अपने सभी विदेशी आर्थिक साझेदारों में दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार बन चुका है।” यह आंकड़े भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों के तेजी से बढ़ने को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। 2024 में, व्यापार में पहले आठ महीनों में पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो कि इस प्रवृत्ति की पुष्टि करता है।

मांतुरोव ने भारत और रूस के बीच व्यापार के विविधीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से रूस भारत को ऊर्जा स्रोतों और खनिज उर्वरकों का निर्यात करता रहा है, लेकिन अब खाद्य उत्पादों, विशेष रूप से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल, के निर्यात में भी वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत से रूस के आयात में औद्योगिक उपकरण, घटक, औषधियां और रसायन शामिल हैं।

व्यापार सहयोग का और विस्तार: मांतुरोव ने सुझाया नई रणनीति

मांतुरोव ने दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग को और मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर कांग्रेस और प्रदर्शनी कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में वृद्धि होगी, बल्कि यह दोनों देशों के कारोबारियों और उद्यमियों को एक-दूसरे के बाजार को समझने और बेहतर व्यापारिक समझौते करने में मदद करेगा। उनका मानना है कि ऐसे कार्यक्रम व्यापार वृद्धि की गति को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

2030 तक विस्तारित रोडमैप

भारत-रूस के व्यापारिक संबंधों को और विस्तारित करने के लिए, रूस के उप प्रधानमंत्री ने 2030 तक सहयोग के एक विस्तृत रोडमैप की योजना की घोषणा की। इस योजना में व्यापारिक असंतुलन को दूर करने और उत्पादों की विविधता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। यह रोडमैप दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक व्यापारिक विकास सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया जाएगा।

भारत-रूस व्यापार की रणनीतिक दिशा

मांतुरोव ने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच की बढ़ती साझेदारी न केवल व्यापारिक, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का भी उल्लेख किया। दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को देखते हुए, रूस ने भारत के लिए अपनी ऊर्जा और खाद्य उत्पादों को लगातार निर्यात करने की योजना बनाई है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन और अधिक मजबूत होगा।

नवीनतम व्यापार क्षेत्रों में संभावनाएं

रूस और भारत के बीच व्यापार के प्रमुख क्षेत्रों में बदलाव आ रहा है। जहां पहले रूस भारत को ऊर्जा और उर्वरक उत्पादों का निर्यात करता था, वहीं अब यह दायरा बढ़कर खाद्य उत्पादों और दवाइयों तक पहुंच गया है। इससे दोनों देशों के बीच समग्र व्यापार बढ़ने की संभावना है। मांतुरोव ने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार बन चुका है और इस बाजार को और बेहतर तरीके से समझने के लिए दोनों देशों को अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करना होगा।

निष्कर्ष

रूस और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्ते न केवल द्विपक्षीय आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि यह दोनों देशों के लिए वैश्विक स्तर पर भी एक मजबूत साझेदारी का संकेत हैं। रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव के भारत दौरे ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी योजनाओं और दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले वर्षों में भारत-रूस व्यापार संबंध और भी मजबूत होंगे, और इससे दोनों देशों के लिए नई आर्थिक अवसरों की शुरुआत होगी।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *