एक परची – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

Admin
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एक परची – मोटिवेशनल कहानी, जो आपके दिल को छू जाएगी और प्रेरित करेगी। पढ़ें इस अनोखी कहानी को, जो सच्चे प्यार, दोस्ती और इंतजार की ताकत को दर्शाती है।

एक दिन, जब मैं छत पर खड़ी थी, बिजली चली गई। आसमान में अंधेरा छा गया था। हल्की ठंडी हवा बह रही थी, और हर चीज़ शांत लग रही थी। तभी मैंने देखा कि सामने वाली छत पर आर्यन खड़ा है। वह मेरी ओर देख रहा था। मैंने नज़रें हटा लीं और सोचने लगी कि इतने अंधेरे में वह क्या कर रहा है।

एक परची - मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)
एक परची – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

तभी आर्यन मेरे पास आया। उसके हाथ में एक छोटी सी परची थी। उसने वह परची मुझे दी और मुस्कुराते हुए वहां से भाग खड़ा हुआ। मैं थोड़ी घबरा गई। आर्यन ने कभी पहले मुझसे इस तरह बात नहीं की थी। मैंने जल्दी से उस परची को अपने कुर्ते के अंदर छिपा लिया ताकि कोई देख न ले।

वापस नीचे आकर मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और धीरे-धीरे परची को निकाला। मेरे दिल की धड़कन तेज हो रही थी। मैंने परची खोली और उसमें लिखा था: “सिया, जब तुम मुस्कुराती हो, तो बहुत सुंदर लगती हो। तुम्हारी मुस्कान देखकर मेरा दिन बन जाता है।”

यह पढ़ते ही मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा। पहली बार किसी ने मेरे बारे में ऐसा कुछ कहा था। मैं सोच में पड़ गई। आर्यन को मैंने हमेशा एक साधारण लड़के के रूप में देखा था, जो अपने काम से काम रखता था। लेकिन उसकी यह बात मेरे दिल को छू गई थी।

 

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उस रात मैं सो नहीं सकी। परची के शब्द बार-बार मेरे दिमाग में घूम रहे थे। मैं आर्यन के बारे में सोचने लगी। क्या वह मुझे पसंद करता है? क्या मैं भी उसे पसंद करती हूँ? ये सब सवाल मेरे मन में उठ रहे थे।

अगले दिन जब मैं स्कूल गई, तो आर्यन भी वहीं था। वह मुझसे नज़रें चुरा रहा था। मैंने उसके पास जाकर उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ कहे बिना ही चला गया। यह देखकर मुझे थोड़ा अजीब लगा, पर मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूं।

दिन बीतते गए और हम दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर पाए। लेकिन हर बार जब हमारी नज़रें मिलतीं, तो मेरे दिल की धड़कन तेज हो जाती। आर्यन की मुस्कान और उसकी बातों ने मेरे मन में एक खास जगह बना ली थी।

कुछ हफ्तों बाद, स्कूल में एक कार्यक्रम था। मैंने खुद को संभाला और आर्यन से बात करने का फैसला किया। कार्यक्रम के बाद, जब सब अपने-अपने दोस्तों के साथ थे, मैंने आर्यन को अकेले देखा। मैंने हिम्मत जुटाई और उसके पास गई।

“आर्यन,” मैंने धीमी आवाज़ में कहा, “तुमने जो परची दी थी, उसके बारे में बात करनी है।”

आर्यन ने मुझे देखा और मुस्कुराया। उसने कहा, “सिया, मुझे माफ करना। मैं तुम्हें बताना चाहता था, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया।”

“क्या बताना चाहते थे?” मैंने पूछा।

“सिया, मैं तुम्हें पसंद करता हूँ। तुम्हारी मुस्कान ने मुझे हमेशा से आकर्षित किया है। लेकिन मुझे नहीं पता था कि तुम क्या सोचती हो,” आर्यन ने ईमानदारी से कहा।

यह सुनकर मेरी आँखों में खुशी के आँसू आ गए। मैंने कहा, “आर्यन, तुम्हारी बातों ने मेरे दिल को छू लिया है। मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ।”

हम दोनों ने उस दिन एक-दूसरे के दिल की बात कह दी। इसके बाद, हमारे बीच की दोस्ती और मजबूत हो गई। हम दोनों ने अपने रिश्ते को समझदारी से आगे बढ़ाने का फैसला किया।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। कुछ ही समय बाद आर्यन को अपनी उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना पड़ा। उस दिन जब वह मुझसे विदा ले रहा था, उसकी आँखों में एक उम्मीद थी, और मेरी आँखों में आँसू। उसने वादा किया था कि वह वापस आएगा, और मैंने भी उसका इंतज़ार करने का वादा किया था।

समय बीतता गया। तीन साल का वक्त जैसे पलक झपकते ही निकल गया। आर्यन से मेरी कभी-कभी बात हो जाया करती थी, लेकिन हमारी बातचीत पहले जैसी नहीं रही। वह अपनी पढ़ाई में व्यस्त था, और मैं भी अपने करियर की ओर ध्यान दे रही थी। लेकिन उसके जाने के बाद भी, मेरी यादों में उसकी मुस्कान हमेशा ताजा रहती थी।

एक दिन, जब मैं अपने दोस्तों के साथ मॉल गई थी, अचानक मेरी नज़र एक जाने-पहचाने चेहरे पर पड़ी। आर्यन! वह मॉल में था। मेरी धड़कन तेज हो गई। हमने एक-दूसरे को देखा, और कुछ पल के लिए समय थम सा गया। हमारी आँखों में एक गहरी पहचान और खुशी थी।

आर्यन मेरी ओर बढ़ा और हल्की मुस्कान के साथ बोला, “सिया, तुम अभी भी वैसी ही हो, मुस्कुराती हुई।”

मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा, “और तुम भी बिल्कुल वैसे ही, आर्यन।”

हम दोनों एक कैफे में बैठकर बात करने लगे। उसने बताया कि वह अब वापस आ गया है और यहीं काम करेगा। उन तीन सालों में वह बहुत कुछ सीख चुका था, लेकिन उसने मुझे यह भी बताया कि वह हमेशा मेरी यादों में था।

मैंने भी अपने दिल की बात साझा की। तीन सालों में भले ही हम दूर रहे हों, लेकिन हमारी भावनाएं वही थीं। वह परची, वह मुस्कान, और वह आखिरी विदाई का पल – सब कुछ आज भी हमारे दिलों में ताजा था।

उस दिन मॉल में हमारी मुलाकात ने हमें फिर से करीब ला दिया। हमने फिर से अपनी कहानी को वहीं से शुरू किया, जहाँ से छूटी थी। यह मुलाकात हमें यह अहसास दिला गई कि सच्चा प्यार और दोस्ती वक्त के साथ और भी मजबूत हो जाते हैं।

अब, आर्यन और मैं फिर से साथ हैं, अपने भविष्य की ओर बढ़ते हुए। हमारी कहानी एक बार फिर से शुरू हो चुकी है, और इस बार हम इसे कभी अधूरा नहीं छोड़ेंगे।

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