हर किसी का सपना होता है अपना घर खरीदने का, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बिना पर्याप्त बचत के फ्लैट खरीदना आपके वित्तीय भविष्य को जोखिम में डाल सकता है? मैं, प्रवीण कुमार, अपने अनुभव के आधार पर इस विषय पर विचार करना चाहता हूं।

कुछ साल पहले, शादी के बाद, मेरे पिता के कहने पर मैंने एक प्लॉट खरीदी। उस समय मेरी बचत बहुत कम थी, और प्लॉट की लोकेशन मेरे ऑफिस से काफी दूर थी, जिससे रोज़ाना का सफर थकान का कारण बन गया। फिर मैंने सोचा कि ऑफिस के पास एक 2BHK फ्लैट खरीदा जाए, लेकिन गलती से मैंने 3BHK बुक कर लिया। शुरू में मुझे यह निर्णय गलत लगा, लेकिन समय के साथ यह एक समझदारी भरा कदम साबित हुआ।
हालांकि, जब मेरे ऑफिस की लोकेशन बदल गई, तो मुझे नोएडा में किराए पर रहना पड़ा, जबकि अपने फ्लैट की EMI भी चल रही थी। यह दोहरे खर्च ने मुझे वित्तीय रूप से दबाव में डाल दिया। किराए और EMI का बोझ एक साथ संभालना मेरे लिए मुश्किल हो गया। इस अनुभव से मुझे यह समझ में आया कि बिना पर्याप्त बचत और सही योजना के किसी बड़ी संपत्ति में निवेश करना वित्तीय मुश्किलें पैदा कर सकता है।
इसलिए, अगर आप भी अपना घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो पहले अपनी वित्तीय स्थिति को सही से समझें, बचत पर ध्यान दें, और लंबी अवधि की योजनाएं बनाएं। घर खरीदने का सपना बड़ा होता है, लेकिन सही तरीके से और समझदारी से कदम उठाना ज्यादा जरूरी है।
घर खरीदने के छिपे हुए खर्च
फ्लैट खरीदते समय केवल उसकी कीमत ही नहीं, बल्कि कई अन्य खर्च भी होते हैं:
- डाउन पेमेंट
- रजिस्ट्रेशन शुल्क
- होम लोन ब्याज
- मेंटेनेंस फीस
- प्रॉपर्टी टैक्स
- इंटीरियर वर्क
- नए घर के लिए नई चीज़ें खरीदना
- ब्रोकर की फीस आदि
ये सभी खर्च मिलकर आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं, खासकर जब आपके पास पर्याप्त बचत न हो।
दो महत्वपूर्ण सलाह
- जल्दी बचत शुरू करें: फ्लैट की कीमत का 20-30% बचाने की कोशिश करें। यह बचत आप म्यूचुअल फंड्स या अन्य उच्च रिटर्न वाले निवेशों में कर सकते हैं। बड़ी डाउन पेमेंट से लोन की राशि कम होगी, जिससे ब्याज भी कम लगेगा और लोन की अवधि भी छोटी होगी।
- हर साल अतिरिक्त EMI दें: प्रत्येक वर्ष 1-2 अतिरिक्त EMI देने की कोशिश करें। यह आपके लोन की अवधि को कम करेगा और कुल ब्याज में भी बचत होगी। यदि संभव हो, तो पार्ट पेमेंट भी करें, जिससे मूलधन जल्दी घटेगा।
भावनात्मक निर्णयों से बचें
घर खरीदना एक भावनात्मक निर्णय हो सकता है, लेकिन बिना पर्याप्त योजना और बचत के यह निर्णय आपको लंबे समय तक वित्तीय बोझ में डाल सकता है। इसलिए, फ्लैट खरीदने से पहले खुद से पूछें:
- क्या मेरी बचत इतनी है कि मैं लोन के बोझ से बच सकूं?
- क्या मैं अपने वर्तमान और भविष्य के खर्चों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय ले रहा हूं?
यदि उत्तर “नहीं” है, तो कुछ समय के लिए रुकें, योजना बनाएं, बचत करें और फिर निर्णय लें।
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
भारत सरकार ने पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): इस योजना के तहत होम लोन पर सब्सिडी मिलती है, जिससे EMI का बोझ कम होता है।
- सेक्शन 24(b): होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम होती है।
- अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम: इस योजना के तहत कुछ प्रॉपर्टीज़ पर GST की दर केवल 1% होती है, जिससे कुल खर्च कम होता है।
इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप अपने घर के खर्च को कम कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बिना बचत के फ्लैट खरीदना एक बड़ा वित्तीय जोखिम हो सकता है। यह न केवल आपके वर्तमान खर्चों को बढ़ाता है, बल्कि आपके भविष्य की योजनाओं को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, घर खरीदने से पहले अच्छी तरह से योजना बनाएं, बचत करें और सभी पहलुओं पर विचार करें।
जैसा कि मैंने अपने अनुभव से बताया, “सपनों का घर खरीदने से पहले, सुनिश्चित करें कि वह सपना आपके लिए एक बोझ न बन जाए।”
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