पार्क का बवाल: औरत, आशिक और पति की अनोखी कहानी

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पार्क का बवाल: औरत, आशिक और पति की अनोखी कहानी में जानिए कैसे रोमांस ने बवाल का रूप लिया। गजब की हास्यास्पद और दिलचस्प घटना, जो आपको हंसी से लोटपोट कर देगी।

पार्क का बवाल: औरत, आशिक और पति की अनोखी कहानी
पार्क का बवाल: औरत, आशिक और पति की अनोखी कहानी

शाम का वक्त था। पार्क में हल्की ठंडी हवा चल रही थी। बेंच पर बैठे लोग अपने-अपने अंदाज़ में वक्त बिता रहे थे। किसी के बच्चे झूले पर हंस रहे थे तो कहीं जोड़े प्यार भरी बातें कर रहे थे। इसी माहौल में, एक खूबसूरत औरत अपने आशिक के साथ मस्ती भरे मूड में घूम रही थी। दोनों के चेहरों पर प्यार और शरारत की चमक थी।

आशिक (शरारती मुस्कान के साथ): “तुम्हारे बिना ये दुनिया अधूरी लगती है।”
औरत (शरमाते हुए): “हाय! अब ये बातें मत करो। कोई सुन लेगा तो?”

तभी, दूर से एक भारी कदमों की आवाज़ सुनाई दी। कोई तेजी से उनकी तरफ बढ़ रहा था। और उससे पहले कि ये जोड़ी कुछ समझ पाती, आशिक के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ा।

आशिक (गाल पकड़े, घबराते हुए): “ये कौन है, यार?!”
औरत (चौंकने का नाटक करते हुए): “अरे, ये तो मेरा पति है!”

पति, गुस्से में आग-बबूला, आशिक पर टूट पड़ा।
पति: “साले! मेरी बीवी के साथ गुलछर्रे उड़ाएगा? तू सोचता है कि मैं देख नहीं रहा?”

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आशिक बुरी तरह सहम गया। पहले तो उसने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने की कोशिश की, लेकिन पति ने उसकी गर्दन पकड़ ली और घूंसे बरसाने शुरू कर दिए।
औरत, जो अब तक चुपचाप तमाशा देख रही थी, अचानक चिल्लाई।

औरत (गुस्से में): “मारो साले को! अपनी बीवी को घुमाने का टाइम नहीं मिलता, और दूसरों की बीवी के साथ इश्क लड़ाता है!”

ये सुनकर आशिक का पारा चढ़ गया। डर की जगह अब गुस्सा ले चुका था। उसने पति को धक्का दिया और पलटकर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए।
आशिक: “साले! ना खुद इश्क करता है, ना दूसरों को चैन से करने देता है। ये पार्क है, तेरे बाप की नहीं!”

अब पार्क का पूरा माहौल ही बदल गया। लोग जो बच्चों के झूलों और पेड़ों की खूबसूरती देख रहे थे, अब लड़ाई का तमाशा देखने में जुट गए। किसी ने वीडियो बनानी शुरू कर दी, तो कोई दोस्तों को फोन कर बुलाने लगा।

एक बुजुर्ग ने कहा,
“आजकल के लोग! इश्क भी करते हैं और लड़ाई भी।”

दूसरे ने मजाक में कहा,
“ये रोमांस का नया अंदाज़ है।”

उधर औरत, जो अब तक लड़ाई से दूर खड़ी थी, दोनों को पीटते देख मजा लेने लगी।
औरत (शरारती मुस्कान के साथ): “मारो, मारो! आज तो कुश्ती का पूरा शो है।”

पति और आशिक अब थकने लगे थे। दोनों के चेहरे पर चोटों के निशान और कपड़े फटे हुए थे। उनकी लड़ाई इतनी बढ़ गई थी कि आसपास के लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो गए।

अंत में, दोनों ने एक-दूसरे को छोड़ दिया और औरत की तरफ देखने लगे।
पति (हांफते हुए): “अब तू ही बता, तेरे साथ कौन रहेगा?”

आशिक (गुस्से को दबाते हुए): “हां, औरत! फैसला कर, वरना फिर शुरू कर देंगे।”

औरत ने दोनों की हालत देखी और एक लंबी सांस ली। उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया, बालों को संवारा और एक शरारती मुस्कान के साथ बोली,
“तुम दोनों तो मेरे लिए लड़ते-लड़ते घायल हो गए। लेकिन सच कहूं? मुझे तो तुम दोनों से बेहतर अकेले घूमना लगता है।”

ये कहकर वह मस्ती भरे अंदाज़ में वहां से निकल गई। पीछे पति और आशिक, दोनों हैरानी और शर्म से एक-दूसरे को देखते रह गए।

भीड़ में खड़े एक शख्स ने मजाक में कहा,
“भाई, ये औरत तो पूरी मास्टरमाइंड है। कोई इसे समझ नहीं सकता।”

वह औरत धीरे-धीरे पार्क के दूसरे कोने में गायब हो गई, और दोनों मर्द अपने-अपने रास्ते चले गए। लेकिन पार्क में मौजूद हर इंसान इस तमाशे को हमेशा याद रखेगा।

सीख

यह कहानी हमें सिखाती है कि जिंदगी में कुछ लोग दूसरों को बेवकूफ बनाकर अपनी मस्ती करते हैं, लेकिन सच्चा मजा तब आता है जब आप अपनी खुशी की जिम्मेदारी खुद लें। और कभी-कभी, तमाशा भी जिंदगी का हिस्सा होता है।

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