मिडिल क्लास की गरीबी की 5 चौंकाने वाली वजह: पैसों की गलत सोच और बड़ी गलतियां

Admin
11 Min Read

राजीव और हितेन की कहानियाँ भारत के मिडिल क्लास परिवारों के दो अलग-अलग पहलुओं को उजागर करती हैं। राजीव एक 30 साल का नौजवान है, लेकिन उसकी उम्र से कहीं ज्यादा उसके चेहरे पर जिम्मेदारियों की झलक दिखाई देती है। ऑफिस की थकान और ईएमआई की चिंता ने उसकी जवानी को दबा दिया है।

हालात ये हैं कि चार साल पहले जब उसकी नौकरी लगी, तब उसने अपने पापा के प्रोविडेंट फंड का सहारा लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पापा के पास अब कुछ नहीं बचा था, जिससे वो उनकी मदद मांग सके।

मिडिल क्लास की गरीबी की 5 चौंकाने वाली वजह: पैसों की गलत सोच और हमारी बड़ी गलतियां
मिडिल क्लास की गरीबी की 5 चौंकाने वाली वजह: पैसों की गलत सोच और बड़ी गलतियां

राजीव ने जैसे ही नौकरी शुरू की, उसने एक नया घर खरीदने का सपना देखा और जल्दी से जल्दी इसे पूरा करने की ठानी। इसके बाद, अपनी इस पहली बड़ी खरीद के लिए उसे भारी ईएमआई का बोझ झेलना पड़ा। और बात यहीं खत्म नहीं होती; दो साल बाद ही उसने एक चमचमाती नई कार खरीद ली। अब 1 लाख की सैलरी में से 30,000 घर की और 12,000 कार की ईएमआई भरने के बाद जैसे-तैसे 20,000 बचा पाता था।

इसके बाद उसके माता-पिता ने उसकी शादी करवा दी। अब शादी, जैसे मिडिल क्लास के लिए प्रतिष्ठा की बात हो गई है। पड़ोस वाले शर्मा जी, जो बिजली विभाग में क्लर्क हैं, उन्होंने अपनी बेटी की शादी में 1 लाख रुपये खर्च किए थे। ऐसे में राजीव के पापा, जो ऊँचे पद पर थे, कैसे 20-25 लाख से कम में शादी कर सकते थे? अपने पिता की इज्जत को बनाए रखने के लिए राजीव ने 10 लाख का पर्सनल लोन लिया और अब उसकी ईएमआई बढ़कर 55,000 हो गई। शादी के बाद खर्चे बढ़े और आखिरकार, ये सब झेलते-झेलते राजीव 50 साल का हो गया।

दूसरी तरफ, हितेन की कहानी बिल्कुल अलग है। हितेन पढ़ाई में औसत छात्र था। उसके पापा की सर्राफे में सोने-चांदी की दुकान थी और घर में पैसे की कमी नहीं थी। इसके बावजूद, उसका परिवार हमेशा पुराने घर में ही रहता है। हितेन के पापा ने हमेशा उसे सिखाया कि जरूरत के हिसाब से खर्च करो, दिखावे में नहीं। जब भी हितेन ने अपने पापा से नई बाइक या कार के लिए पैसे मांगे, उन्होंने कहा कि “ये कार तेरी ही तो है, जब जरूरत हो ले जाया कर”। इसी तरह, कॉलेज के दौरान भी वह बस से ही जाता रहा और कभी कार की मांग नहीं की।

हितेन ने धीरे-धीरे अपने पापा के व्यवसाय में हाथ बंटाना शुरू किया और एक दिन उसने हाईवे पर एक प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट करने का सुझाव अपने पापा से किया। पापा को यह सुझाव अच्छा लगा और हितेन ने अपनी पहली प्रॉपर्टी खरीद ली। इस प्रॉपर्टी को रेंट पर देकर, उसने अपनी संपत्ति बढ़ाई और आज उसके पास कई प्रॉपर्टीज हैं। लेकिन, हितेन आज भी अपने पुराने घर में रहता है। उसकी सादगी और सही तरीके से निवेश करने की सोच ने उसे एक सफल व्यवसायी बना दिया।

मिडिल क्लास की सबसे बड़ी वित्तीय गलतियाँ

हम राजीव और हितेन की कहानियों से कुछ प्रमुख सबक सीख सकते हैं। मिडिल क्लास अक्सर कुछ सामान्य गलतियाँ करता है जो उसे वित्तीय रूप से आगे बढ़ने से रोकती हैं। आइए, इनमें से कुछ प्रमुख गलतियों को देखें और समझें कि इन्हें कैसे सुधारा जा सकता है:

1. दिखावे के चक्कर में फंसे रहना:

राजीव की कहानी एक क्लासिक उदाहरण है कि कैसे दिखावे के लिए लोग अपनी पूरी कमाई को खर्च कर देते हैं। नई कार, बड़ा घर, महंगे कपड़े और शादी में फिजूलखर्ची—ये सब केवल दिखावे के लिए किए गए फैसले हैं। भारतीय मिडिल क्लास अक्सर अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को दिखाने के लिए महंगी चीजें खरीदता है, लेकिन असल में ये चीजें उनकी वित्तीय स्थिति को कमजोर करती हैं।

जबकि दूसरी तरफ, हितेन के पिता ने उसे सिखाया कि अपने पैसे का सही निवेश करो। उन्होंने कभी भी दिखावे के लिए अनावश्यक खर्च नहीं किया और अपने पुराने घर में ही रहे, जबकि उनके पास नई प्रॉपर्टीज खरीदने की क्षमता थी। इस सोच ने हितेन को वित्तीय सुरक्षा दी।

2. बिना योजना के निवेश:

राजीव ने बिना योजना के घर और कार खरीदी। उसने बस अपने आसपास के लोगों को देखकर यह फैसला किया कि उसे भी ये चीजें चाहिए। वहीं हितेन ने प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट को लेकर पहले योजना बनाई, अपने पापा से सलाह ली और फिर इस दिशा में कदम उठाया।

अगर आप भी किसी भी चीज़ में निवेश कर रहे हैं, चाहे वह प्रॉपर्टी हो, शेयर बाजार हो, या व्यवसाय हो, तो पहले अपने खर्च और भविष्य की योजनाओं का आकलन करें। बिना सोचे-समझे किया गया निवेश आपको वित्तीय रूप से बर्बाद कर सकता है।

3. लोन पर निर्भरता:

राजीव की कहानी यह बताती है कि कैसे लोन लेना एक आदत बन जाता है। घर के लिए लोन, कार के लिए लोन, और फिर शादी के लिए पर्सनल लोन। लोन लेना आसान होता है, लेकिन इसे चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 67% लोग अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, जिनमें से 74% लोग मिडिल क्लास सैलरीड बैकग्राउंड से आते हैं।

अगर आप भी लोन ले रहे हैं, तो पहले यह सुनिश्चित करें कि आप इसे समय पर चुकाने में सक्षम हैं। बिना सोचे-समझे लिए गए लोन आपकी वित्तीय स्थिति को लंबे समय तक प्रभावित कर सकते हैं।

4. बिना योजना के बड़ी शादियाँ:

भारतीय मिडिल क्लास के लिए शादियाँ एक इमोशन से कहीं बढ़कर होती हैं। दिखावे के लिए लाखों खर्च करना एक आम बात हो गई है। लेकिन इस तरह के खर्च केवल तीन दिन की धूमधाम के लिए होते हैं और बाद में ये केवल बोझ बन जाते हैं। अगर राजीव ने अपनी शादी के लिए पहले से वित्तीय योजना बनाई होती, तो शायद वह इतनी बड़ी ईएमआई से बच सकता था।

अगर आप भी शादी का प्लान बना रहे हैं, तो इसे एक इंटीमेट फंक्शन की तरह सेलिब्रेट करें। केवल जरूरी दोस्तों और परिवार के लोगों को आमंत्रित करें और अपने बजट को नियंत्रण में रखें।

5. ब्रांड्स की दीवानगी:

ब्रांड्स एक तरह से माया जाल हैं। वे हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि अगर हम ब्रांडेड कपड़े, जूते, और एक्सेसरीज़ नहीं पहनेंगे, तो हम सफल नहीं दिखेंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या सच में ब्रांड्स हमारी सफलता को परिभाषित करते हैं?

स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, और बराक ओबामा जैसे लोग कभी भी अपने कपड़ों के ब्रांड को लेकर चिंता नहीं करते थे। वे केवल अपनी सादगी और काबिलियत से अपनी पहचान बनाते थे। तो मिडिल क्लास को भी यह समझना चाहिए कि ब्रांड्स के पीछे भागना फिजूलखर्ची है।

6. ई-कॉमर्स का जाल:

आजकल ऑनलाइन शॉपिंग एक ट्रेंड बन गया है। चाहे खाना हो, कपड़े हो, या किराना सामान हो, लोग हर चीज़ ऑनलाइन ही मंगवाने लगे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह आपके बजट पर कितना बड़ा असर डालता है?

ऑनलाइन शॉपिंग के चक्कर में हम कभी-कभी जरूरत से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं। ये सुविधा हमें बिना मतलब के चीज़ें खरीदने के लिए प्रेरित करती है, जिससे हमारा मंथली बजट बिगड़ जाता है।

7. अनावश्यक क्रेडिट कार्ड का उपयोग:

क्रेडिट कार्ड का उपयोग आजकल स्टेटस सिंबल बन गया है। लोग छोटे-छोटे खर्चों के लिए भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और फिर अंत में उन्हें भारी इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करना सीखें और केवल जरूरी चीजों के लिए ही इसका उपयोग करें।

8. फाइनेंशियल प्लानिंग की कमी:

भारतीय मिडिल क्लास की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते। बिना योजना के खर्च करना, लोन लेना, और निवेश करना उनकी आदत बन गया है। अगर आप भी अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो आज से ही अपनी आय, खर्च, और निवेश की योजना बनाएं।

निष्कर्ष

राजीव और हितेन की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि सही वित्तीय योजना और सोच के साथ हम एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। हमें अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए फिजूल खर्च करने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से निवेश करने की जरूरत है।

आगे पढ़े

  1. पर्सनल फाइनेंस के 10 जादुई नियम: अपनी दौलत को तेजी से बढ़ाने के आसान टिप्स
  2. हर महीने सैलरी कैसे संभालें: स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के तरीक
  3. घर खरीदने की बजाय समझदारी से निवेश करें और भविष्य को सुरक्षित बनाएं!
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *