फ्लाइट बम धमकी मामला: फर्जी कॉल करने वालों पर कसेगा शिकंजा, नहीं कर सकेंगे हवाई यात्रा

Admin
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बीते सप्ताह भारतीय विमानन क्षेत्र में बम की फर्जी धमकियों ने काफी हंगामा मचाया। फ्लाइट्स को उड़ाने की धमकी देने वाले कॉल्स के चलते यात्रियों और अधिकारियों के बीच चिंता का माहौल बन गया। अब सरकार इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने जा रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए फर्जी बम धमकी देने वालों पर कड़ा एक्शन लेने का फैसला किया है। योजना के तहत, इन अपराधियों को ‘नो-फ्लाई’ सूची में शामिल किया जाएगा, जिससे वे हवाई सफर नहीं कर सकेंगे।

एयर इंडिया

नो-फ्लाई सूची में होंगे शामिल

सरकार का मानना है कि इस तरह की फर्जी धमकियों को रोका जाना जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल हवाई सुरक्षा पर असर पड़ता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा पैदा होता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय अब इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए, विमानन सुरक्षा नियमों में संशोधन की योजना बना रहा है। इन संशोधनों के बाद, जो भी व्यक्ति फ्लाइट में बम की फर्जी धमकी देता है, उसे भविष्य में हवाई सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

100 से अधिक फ्लाइट्स को मिली थीं फर्जी धमकियां

पिछले सप्ताह भारतीय एयरलाइन्स के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, जब लगभग 100 उड़ानों को बम की धमकियों का सामना करना पड़ा। हालांकि इनमें से अधिकांश धमकियां झूठी निकलीं, लेकिन इसके चलते सुरक्षा जांच कड़ी करनी पड़ी और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इससे एयरलाइंस को भी आर्थिक नुकसान हुआ, क्योंकि कई उड़ानों को रोकना पड़ा और सुरक्षा इंतजामों में भारी खर्च करना पड़ा।

विमानन सुरक्षा नियमों में संशोधन की तैयारी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी नायडू ने कहा, “सरकार नागरिक विमानन सुरक्षा के नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इसके लिए, नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।” नायडू ने यह भी बताया कि सरकार ‘गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम, 1982’ में बदलाव करके विमानन सुरक्षा को और मजबूत बनाने के उपाय कर रही है।

नायडू ने आगे कहा, “हमारी योजना है कि यदि कोई फर्जी धमकी का अपराधी पकड़ा जाता है, तो उसे तुरंत नो-फ्लाई सूची में डाला जाएगा। इसके अलावा, हम विमान सुरक्षा नियमों में भी बदलाव कर रहे हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और विमानन क्षेत्र की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सके।”

फर्जी धमकियों से एयरलाइंस को भारी नुकसान

रविवार के दिन, इंडिगो, अकासा एयर और विस्तारा जैसी प्रमुख एयरलाइन्स की 20 से ज्यादा उड़ानों को बम की धमकियों के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके बाद, बीसीएएस के अधिकारियों और एयरलाइन्स के सीईओ के बीच एक बैठक हुई। इस बैठक में सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई, ताकि इस तरह की फर्जी धमकियों से निपटा जा सके।

गृह मंत्रालय के साथ बैठक, कड़ी सुरक्षा पर चर्चा

बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक आरएस भट्टी ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात की। बैठक के दौरान, दोनों महानिदेशकों ने हाल के दिनों में फर्जी बम धमकियों में हुई वृद्धि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे ये फर्जी कॉल्स हवाई यात्रा के लिए चिंता का विषय बन रही हैं और व्यापक सुरक्षा जांच की जरूरत पैदा कर रही हैं। गृह मंत्रालय ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

सख्त रुख अपनाएगी सरकार

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अब फर्जी बम धमकी देने वालों की खैर नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि ये कदम यात्रियों की सुरक्षा और हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार इस दिशा में एक सख्त संदेश देना चाहती है कि हवाई यात्रा के साथ इस तरह की खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सरकार का यह कदम न केवल हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि उन लोगों को भी सबक सिखाएगा जो इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों में शामिल होते हैं। उम्मीद है कि इस कदम से विमानन क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति और बेहतर होगी और यात्रियों को भी राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

फर्जी बम धमकियों ने भारतीय विमानन क्षेत्र के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है, लेकिन सरकार की सख्त नीतियों और ठोस कदमों से उम्मीद की जा रही है कि इन घटनाओं पर जल्द ही अंकुश लगाया जा सकेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्णय लिया है, जिससे उन लोगों पर कार्रवाई की जा सके जो झूठी बम धमकियों के जरिए अफरा-तफरी मचाते हैं।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के ये कदम कितने प्रभावी साबित होते हैं। क्या इन सख्त नीतियों से वाकई फर्जी कॉल्स करने वालों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लग पाएगी, या फिर ये चुनौती आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगी? जनता और विमानन क्षेत्र को अब सरकार के इन फैसलों के परिणामों का इंतजार रहेगा। अगर ये प्रयास सफल होते हैं, तो इससे विमानन सुरक्षा में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।

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