अमेरिकी चुनाव: ट्रंप की वापसी, हारी कमला हैरिस, लाखों बाइडन समर्थकों का भरोसा डगमगाया

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वाशिंगटन डी.सी. – अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंचकर डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से लोकप्रिय वोट जीतने की कगार पर पहुंच गए हैं, जहां उन्हें पहली बार 20 साल बाद रिपब्लिकन पार्टी को एक मजबूत बढ़त मिली है। बुधवार की रात तक, ट्रंप ने कमला हैरिस को 72.5 मिलियन वोटों से हराते हुए लगभग 68 मिलियन वोटों के साथ हराया और इससे पहले ही इलेक्टोरल कॉलेज में जीत हासिल कर ली थी। हालांकि अभी कुछ वोटों की गिनती बाकी है, लेकिन ट्रंप के 2020 में मिले 74 मिलियन वोटों के आंकड़े तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि हैरिस के लिए 2020 में जो बाइडन को मिले 81 मिलियन वोटों का मुकाबला करना कठिन साबित हुआ।

अमेरिकी चुनाव: ट्रंप की वापसी, हारी कमला हैरिस, लाखों बाइडन समर्थकों का भरोसा डगमगाया
अमेरिकी चुनाव: ट्रंप की वापसी, हारी कमला हैरिस, लाखों बाइडन समर्थकों का भरोसा डगमगाया

कमला हैरिस ने बुधवार दोपहर को अपनी हार स्वीकारते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि वे निराश न हों और अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा में अपना समर्थन बनाए रखें। उन्होंने ट्रंप को फोन कर बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। बाइडन ने भी अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी ट्रंप को व्हाइट हाउस में मिलने के लिए आमंत्रित किया। ओबामा दंपत्ति ने भी ट्रंप की जीत पर बधाई संदेश भेजते हुए हैरिस और उनके साथी टिम वॉल्ज़ की मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना की।

बुधवार के अहम घटनाक्रम:

  1. क्रिमिनल मामलों का समापन: ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की स्थिति में उन पर चल रहे कुछ क्रिमिनल मामलों को बंद किया जा सकता है। विशेष वकील उनके खिलाफ चल रहे कुछ मामलों को आगे नहीं बढ़ाएंगे, जबकि अन्य मामलों की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
  2. ट्रंप का भविष्य का दृष्टिकोण: ट्रंप ने बुधवार सुबह फ्लोरिडा में अपने समर्थकों को संबोधित किया। अब उनके सामने अपने नए प्रशासन के लिए टीम का चयन करने का बड़ा काम है।
  3. पहले 100 दिन का एजेंडा: सीनियर रिपब्लिकन नेता स्टीव स्कालिस ने एक पत्र में घोषणा की है कि ट्रंप प्रशासन के पहले 100 दिनों में ट्रंप कर कटौती को स्थायी बनाएंगे, ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करेंगे और अवैध आव्रजन से निपटने के लिए दक्षिणी सीमा पर संसाधन बढ़ाएंगे।
  4. महिला मतदाता: इस बार अधिक महिलाओं ने हैरिस के लिए वोट किया, लेकिन पिछली बार की तुलना में कम अंतर से। वहीं ट्रंप को इस बार 2020 की तुलना में युवा मतदाताओं का भी अधिक समर्थन मिला।
  5. नीति संबंधी प्रस्ताव: दिलचस्प रूप से “लाल” राज्यों में कुछ प्रगतिशील नीतियां पास हुईं, जैसे कि न्यूनतम मजदूरी संरक्षण, जबकि “नीले” राज्यों में अपराध नियंत्रण जैसे सख्त कानूनों के पक्ष में वोट डाले गए। इसके अलावा, सात राज्यों में गर्भपात के लिए समर्थन मिला, जबकि तीन राज्यों में यह विफल रहा।
  6. वित्तीय बाजार की प्रतिक्रिया: ट्रंप की जीत के बाद वॉल स्ट्रीट और बिटकॉइन में तेजी देखी गई, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व गुरुवार को ब्याज दर में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
  7. मैक्सिको के राष्ट्रपति का बयान: मैक्सिको के राष्ट्रपति ने अपने नागरिकों को आश्वस्त किया है कि ट्रंप की धमकियों से चिंता की कोई बात नहीं है, चाहे वो मैक्सिकन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की बात हो या सीमा पर सख्त नीति।
  8. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: दुनिया भर के नेताओं ने ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई दी है, जिसमें यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई देश शामिल हैं।
  9. हैरिस के समर्थकों की निराशा: हैरिस के समर्थक इस हार से गहरे सदमे में हैं, विशेष रूप से वॉशिंगटन डी.सी. के हॉवर्ड यूनिवर्सिटी परिसर में जहां उन्होंने अपनी हार का भाषण दिया।
  10. मतदान सर्वेक्षणों की विफलता: यह लगातार तीसरी बार है जब अमेरिकी सर्वेक्षणों में ट्रंप के समर्थन को गलत आंका गया, और उनकी जीत को लेकर एक बार फिर सर्वेक्षण एजेंसियां आलोचना का शिकार बनीं।

इस चुनाव ने एक बार फिर अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ी है। जहां एक ओर ट्रंप की जीत ने उनके समर्थकों को उत्साहित कर दिया है, वहीं दूसरी ओर डेमोक्रेट्स और हैरिस के समर्थकों में गहरी निराशा है।

ट्रंप की लोकप्रियता का कारण

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आक्रामक अंदाज और स्पष्ट रुख से अमेरिकी जनता के एक बड़े वर्ग को आकर्षित किया है। उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति ने कई मध्यमवर्गीय अमेरिकियों को उनके पक्ष में किया है। इस बार उनके अभियान ने युवा अमेरिकियों और महिलाओं के एक बड़े हिस्से को भी प्रभावित किया, जो 2020 की तुलना में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए सबक

कमला हैरिस और टिम वॉल्ज़ की जोड़ी ने एक प्रभावी अभियान चलाया, लेकिन कई विश्लेषकों का मानना है कि डेमोक्रेट्स को जनता की बदलती प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है। बाइडन के कार्यकाल के दौरान हुई कुछ नीतिगत गलतियों और बढ़ती मुद्रास्फीति जैसे मुद्दों ने भी चुनावी नतीजों को प्रभावित किया।

नीतिगत बदलावों का संकेत

ट्रंप की वापसी से अमेरिकी नीतियों में कई बड़े बदलाव आने की उम्मीद है। ऊर्जा क्षेत्र में ट्रंप द्वारा किए गए सुधारों से अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा, वहीं दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा उपायों के कड़े होने की संभावना है। ट्रंप कर कटौती को स्थायी बनाने का उनका संकल्प, व्यापारिक वर्ग के लिए राहत का संकेत है।

विश्व स्तर पर असर

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी का विश्व राजनीति पर भी असर पड़ेगा। अमेरिका की संरक्षणवादी नीति और मैक्सिको, चीन और रूस के प्रति कड़ा रुख एक बार फिर विश्व पटल पर चर्चा का विषय बनेगा।

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