जानें क्यों और कब PPF खाता बैंक FD से बेहतर होता है। पूरी तरह टैक्स-फ्री ब्याज और बेहतर रिटर्न के साथ, PPF निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। जानें इस योजना के फायदे और नियम।
पूरी तरह टैक्स फ़्री ब्याज कमाने का एक बेहतरीन नुस्खा हर हिंदुस्तानी के पास मौजूद है, जिसे लोक भविष्य निधि या पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) के नाम से जाना जाता है। अक्सर लोग बैंक में पड़ी रकम से थोड़ा अधिक ब्याज कमाने के लिए फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) का विकल्प चुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नियमित निवेश करने वालों के लिए PPF, FD की तुलना में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है? यह न केवल ज़्यादा ब्याज देता है, बल्कि इस पर मिलने वाला ब्याज भी पूरी तरह टैक्स फ़्री होता है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि PPF FD से कैसे बेहतर है, और कब इसे चुनना चाहिए।

PPF खाते की विशेषताएं: पूरी तरह टैक्स फ़्री और सुरक्षित
PPF खाता, भारतीय बचत योजनाओं में सबसे लोकप्रिय है। यह खाता न केवल लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसमें निवेशक को पूरी तरह टैक्स फ़्री ब्याज भी मिलता है। इसमें तीन स्तरों पर करमुक्ति होती है:
EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी:
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- EEE का मतलब है कि PPF खाते में निवेश की गई रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली रकम—तीनों पूरी तरह टैक्स फ्री होते हैं। यानी, इस खाते में आप जो भी निवेश करते हैं, उस पर आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
- उदाहरण के तौर पर, आप PPF खाते में प्रति वर्ष ₹1.5 लाख तक का निवेश कर सकते हैं, और यह रकम आपकी इनकम टैक्स की देय राशि को कम कर देती है। इसके साथ ही, इस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि भी टैक्स फ़्री होती है।
FD की तुलना में अधिक ब्याज और सुरक्षा
वर्तमान में, केंद्र सरकार PPF पर 7.1% की दर से सालाना ब्याज प्रदान करती है, जो बैंक की अधिकांश FD योजनाओं से कहीं बेहतर है। कई राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक भी सीनियर सिटिज़न को PPF की तुलना में कम ब्याज देते हैं।
- उदाहरण: यदि आप 15 साल के लिए PPF खाते में ₹1.5 लाख प्रति वर्ष निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको लगभग ₹40 लाख मिलेंगे, जो पूरी तरह टैक्स फ़्री होंगे। वहीं, अगर आप इतनी ही रकम FD में निवेश करते हैं, तो मिलने वाली रकम पर आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा, और आपकी कुल कमाई घट जाएगी।
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PPF खाता एक्सटेंड करने का विकल्प: निवेश अनिवार्य नहीं
PPF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे 15 साल की मैच्योरिटी अवधि के बाद भी पांच-पांच साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। यहां दिलचस्प बात यह है कि एक्सटेंशन के बाद निवेशक के पास निवेश करने की बाध्यता नहीं रहती।
- नियम: यदि निवेशक को तुरंत पैसे की आवश्यकता नहीं है, तो 15 साल की मैच्योरिटी अवधि के बाद PPF खाते को एक्सटेंड कर देना चाहिए। इससे न केवल ब्याज मिलता रहेगा, बल्कि आप हर साल एक बार रकम भी निकाल सकते हैं, और वह भी पूरी तरह टैक्स फ़्री।
FD के ब्याज पर टैक्स का बोझ
बैंकों की FD या पोस्ट ऑफिस में की गई सावधि जमा (FD) और आवर्ती जमा (RD) पर मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य होता है। मतलब, उस पर इनकम टैक्स की दरें लागू होती हैं।
- उदाहरण: अगर आपने ₹5 लाख की FD कराई और उस पर 6% की दर से ब्याज मिला, तो आपको ₹30,000 सालाना ब्याज मिलेगा। अब, यदि आप 30% की टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपको इस ब्याज पर 30% टैक्स चुकाना पड़ेगा, यानी ₹9,000 का टैक्स देना होगा।
- जबकि, अगर आप यही रकम PPF में निवेश करते हैं, तो न केवल आपको FD से ज़्यादा ब्याज मिलेगा, बल्कि वह ब्याज भी पूरी तरह टैक्स फ़्री होगा।
मैच्योरिटी के बाद आंशिक निकासी की सुविधा
PPF खाता एक्सटेंड करने पर, निवेशक को हर साल एक बार टैक्स फ़्री रकम निकालने की सुविधा मिलती है।
- उदाहरण: यदि 15 साल की मैच्योरिटी के बाद आपके PPF खाते में ₹30 लाख जमा हैं, और आप इसे पांच साल के लिए बिना नया निवेश किए एक्सटेंड कर रहे हैं, तो आप हर साल इसमें से आंशिक निकासी कर सकते हैं।
कब चुनें PPF और कब FD?
- लंबी अवधि के लिए निवेश: यदि आप 15 साल या उससे अधिक की अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो PPF एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें मिलने वाला ब्याज भी पूरी तरह टैक्स फ़्री होता है।
- तुरंत धन की आवश्यकता: अगर आपको कुछ सालों के अंदर पैसों की आवश्यकता हो सकती है, तो FD बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें जल्दी से पैसे निकालने की सुविधा होती है।
- टैक्स बचत के लिए: PPF खाते में सालाना ₹1.5 लाख तक का निवेश करने से आपकी टैक्स देयता कम हो सकती है, जबकि FD में ऐसा कोई लाभ नहीं है।
PPF खाता खोलने के नियम
- आयु: कोई भी भारतीय नागरिक, चाहे वह बालिग हो या नाबालिग, PPF खाता खोल सकता है।
- न्यूनतम निवेश: एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश किया जा सकता है।
- अवधि: PPF खाता 15 साल की अवधि के लिए खोला जाता है, जिसे पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- अंशदान: एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 12 किस्तों में निवेश किया जा सकता है।
- खाता खोलने की सुविधा: PPF खाता किसी भी बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है, और इसे ऑनलाइन भी संचालित किया जा सकता है।
PPF बनाम FD: किसे चुनें?
यदि आप सुरक्षित, टैक्स फ़्री और अधिक ब्याज चाहने वाले निवेशक हैं, तो PPF खाता आपके लिए उपयुक्त है।
- लाभ:
- PPF का ब्याज पूरी तरह टैक्स फ़्री है।
- इसमें पांच-पांच साल के लिए एक्सटेंशन की सुविधा है।
- ब्याज दर स्थिर होती है और सरकारी गारंटी प्राप्त होती है।
वहीं, FD का लाभ यह है कि इसे कम अवधि के लिए भी खोला जा सकता है और जल्दी पैसे निकालने की सुविधा है। लेकिन, इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल है, जो आपकी कुल कमाई को घटा सकता है।
निष्कर्ष: PPF खाते का चयन कब करना चाहिए?
अगर आपका निवेश लंबी अवधि के लिए है और आप टैक्स बचत के साथ-साथ सुरक्षित ब्याज दर की भी तलाश में हैं, तो PPF खाता सबसे अच्छा विकल्प है।
- PPF बनाम FD: FD को केवल तब चुनें, जब आपको तुरंत धन की आवश्यकता हो, अन्यथा PPF खाते को प्राथमिकता दें, क्योंकि यह न केवल बेहतर रिटर्न देता है, बल्कि पूरी तरह टैक्स फ़्री भी होता है।
इसलिए, अगली बार जब आप अपनी बचत योजना बनाएं, तो FD से पहले PPF के लाभों पर एक नज़र ज़रूर डालें।