कर्ज़ के जाल से बचने के कारण और सरल उपाय

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कर्ज़ लेना आजकल एक आम बात हो गई है। घर खरीदने से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक, लोग अलग-अलग ज़रूरतों के लिए कर्ज़ लेते हैं। हालांकि, जब यह कर्ज़ आपकी आमदनी से ज़्यादा हो जाता है या आप इसे चुकाने में असमर्थ होते हैं, तब यह आपके लिए एक बड़ी परेशानी बन सकता है।

कर्ज़ की समस्या को समझना और इससे बचने के लिए सही कदम उठाना बेहद ज़रूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि लोग कर्ज़ के जाल में कैसे फंसते हैं, इसके प्रमुख कारण क्या होते हैं और इससे बाहर निकलने के उपाय क्या हैं।

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1. कर्ज़ के जाल में फंसने के कारण

कर्ज़ के जाल में फंसने के कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों की पहचान करके ही आप इससे बचने के सही तरीके अपना सकते हैं।

(a) अत्यधिक खर्च और खराब वित्तीय प्रबंधन

कई लोग अपनी आय से ज़्यादा खर्च करते हैं, जिससे उन्हें कर्ज़ लेने की ज़रूरत पड़ती है। अगर आप अपनी आमदनी के मुकाबले ज़्यादा खर्च कर रहे हैं और अपनी बचत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो कर्ज़ लेना आपकी आदत बन सकता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, यह छोटी-छोटी रकम बड़े कर्ज़ का रूप ले लेती है।

उदाहरण: अमित को हर महीने 50,000 रुपये की सैलरी मिलती है, लेकिन वह हर महीने 60,000 रुपये खर्च करता है। इस 10,000 रुपये के अंतर को पूरा करने के लिए वह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है और धीरे-धीरे उस पर ब्याज भी लगने लगता है। कुछ महीनों बाद अमित को पता चलता है कि उसे क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाना बेहद मुश्किल हो गया है।

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(b) अप्रत्याशित खर्च

अचानक से किसी बीमारी का इलाज, घर की मरम्मत, या किसी अन्य अप्रत्याशित खर्च की वजह से भी लोग कर्ज़ के जाल में फंस जाते हैं। इन खर्चों के लिए अगर आपके पास पहले से बचत नहीं होती, तो आपको कर्ज़ लेना पड़ सकता है।

उदाहरण: सीमा की माँ की तबीयत अचानक खराब हो गई और अस्पताल के खर्चों के लिए उसे 2 लाख रुपये का लोन लेना पड़ा। सीमित आय होने के कारण उसे इस कर्ज़ को चुकाने में बहुत परेशानी हुई।

(c) क्रेडिट कार्ड का अत्यधिक उपयोग

क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है। अगर आप इसे बिना सोचे-समझे खर्च के लिए इस्तेमाल करते हैं और समय पर बिल नहीं भरते, तो यह आपके कर्ज़ के बोझ को बढ़ा सकता है।

उदाहरण: रितेश ने शॉपिंग के लिए क्रेडिट कार्ड का खूब इस्तेमाल किया। शुरुआत में उसे इसका फायदा मिला क्योंकि उसे एक बार में बड़ी रकम चुकानी नहीं पड़ी। लेकिन कुछ ही महीनों में उसकी ईएमआई इतनी बढ़ गई कि उसे क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में मुश्किल होने लगी।

2. कर्ज़ से निकलने के उपाय

कर्ज़ से निकलना आसान नहीं है, लेकिन सही योजना और दृढ़ संकल्प से आप इस समस्या से बाहर आ सकते हैं। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप कर्ज़ से छुटकारा पा सकते हैं।

(a) ज़्यादा ब्याज वाले कर्ज़ को पहले चुकाएं

कर्ज़ चुकाने के लिए सबसे पहले उन कर्ज़ों का भुगतान करें जिन पर सबसे ज़्यादा ब्याज है, जैसे क्रेडिट कार्ड लोन। इससे आपका ब्याज का खर्च कम होगा और आप जल्द ही कर्ज़ मुक्त हो सकेंगे।

उदाहरण: अगर राज के पास तीन लोन हैं – एक होम लोन, एक कार लोन और एक क्रेडिट कार्ड लोन, तो उसे पहले क्रेडिट कार्ड लोन चुकाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि उस पर ब्याज दर सबसे ज़्यादा है।

(b) आमदनी बढ़ने पर ईएमआई बढ़ाएं

अगर आपकी आमदनी बढ़ती है, तो कोशिश करें कि आप अपनी लोन की किश्त की रकम भी बढ़ा दें। इससे आप लोन की रकम को जल्दी चुकाकर ब्याज से बच सकते हैं।

उदाहरण: संगीता की सैलरी में इजाफा हुआ, तो उसने अपने होम लोन की ईएमआई में थोड़ा इजाफा कर दिया। इससे उसका लोन 20 साल की बजाय 15 साल में ही खत्म हो गया।

(c) डेट कंसोलिडेशन (ऋण समेकन)

अगर आपके पास कई छोटे-छोटे कर्ज़ हैं, तो आप सभी कर्ज़ों को एक ही बड़े कर्ज़ में बदल सकते हैं। इससे आपको हर महीने सिर्फ एक ही किश्त चुकानी पड़ेगी और आपकी ईएमआई की रकम भी कम हो सकती है।

उदाहरण: मनीष के पास पांच अलग-अलग लोन थे, जिनकी ईएमआई अलग-अलग तारीखों में थी। उसने सभी लोन को एक ही बैंक में समेकित कर दिया, जिससे उसे हर महीने सिर्फ एक ही किश्त चुकानी पड़ी और उसकी ब्याज दर भी कम हो गई।

(d) जीवनशैली में बदलाव करें

कर्ज़ से मुक्त होने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना बेहद ज़रूरी है। गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करें और जितना हो सके बचत करें।

उदाहरण: सुरेश को कर्ज़ से परेशान होना पड़ा क्योंकि वह हर वीकेंड बाहर खाने जाता था और महंगे गैजेट्स पर खर्च करता था। जब उसने अपने खर्चों को नियंत्रित करना शुरू किया, तो वह जल्दी ही कर्ज़ चुकाने में सक्षम हो गया।

(e) निवेश किए गए पैसे से कर्ज़ चुकाएं

अगर आपके पास किसी फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, या म्यूचुअल फंड में निवेश है, तो आप उस पैसे का इस्तेमाल कर्ज़ चुकाने के लिए कर सकते हैं। इससे आपको ब्याज का बोझ कम हो सकता है।

उदाहरण: कविता के पास एक एफडी थी, जिसे उसने कर्ज़ चुकाने के लिए तोड़ दिया। इससे उसे जल्दी ही कर्ज़ से छुटकारा मिल गया।

(f) आपातकालीन कोष बनाएं

अचानक आने वाले खर्चों से बचने के लिए एक आपातकालीन कोष बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। इस कोष का इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब आपको किसी बड़े खर्च का सामना करना पड़े।

उदाहरण: रमा ने अपनी सैलरी का 10% हर महीने आपातकालीन कोष में जमा करना शुरू किया। कुछ महीनों बाद जब उसे अचानक मेडिकल खर्च का सामना करना पड़ा, तो उसने उस कोष से मदद ली और कर्ज़ लेने से बच गई।

निष्कर्ष

कर्ज़ लेना गलत नहीं है, लेकिन इसे सही तरीके से प्रबंधित करना बहुत ज़रूरी है। अगर आप अपनी आमदनी और खर्चों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं और ऊपर बताए गए उपायों को अपनाते हैं, तो आप कर्ज़ के जाल से बाहर निकल सकते हैं। हमेशा याद रखें कि कर्ज़ को नियंत्रित रखना आपके मानसिक और वित्तीय स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खुद को वित्तीय ज्ञान से लैस करें और समझदारी से कर्ज़ लें, ताकि भविष्य में आपको किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

इस तरह के कदम उठाकर, आप न केवल कर्ज़ मुक्त हो सकते हैं, बल्कि एक बेहतर और खुशहाल जीवन की ओर भी बढ़ सकते हैं।

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