जीएसटी में बड़े बदलाव: जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम होंगे कर मुक्त; 20 लीटर पानी और साइकिल पर 5% कर, जूते और घड़ियों पर 28%
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की दरों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें कुछ वस्तुओं पर कर की दर घटाने और कुछ पर बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इस बदलाव से सरकार को करीब 22,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति होने की उम्मीद है।

शनिवार को जीएसटी दर तर्कसंगतिकरण पर बनी मंत्री समूह (GoM) ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (5 लाख रुपये तक के कवरेज) और टर्म जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी छूट देने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही 20-लीटर पैक वाले पीने के पानी की बोतलों, साइकिल और अभ्यास पुस्तिकाओं पर कर की दर को घटाकर 5% करने की सिफारिश की गई है। वहीं, उच्च श्रेणी की घड़ियों और महंगे जूतों पर 28% की दर से जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है। इस मंत्री समूह का नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कर रहे हैं।
बीमा प्रीमियम पर छूट का प्रस्ताव
GoM ने प्रस्ताव दिया है कि 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा कवरेज वाले प्रीमियम पर जीएसटी छूट दी जाए, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक की कवरेज पर वर्तमान में लागू 18% जीएसटी जारी रहेगा। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा प्रीमियम पर, चाहे वह किसी भी राशि का हो, जीएसटी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की गई है। इस बारे में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा।
इस समय, टर्म जीवन बीमा और फैमिली फ्लोटर बीमा पॉलिसियों पर 18% जीएसटी लागू होता है। मंत्री समूह के संयोजक सम्राट चौधरी ने कहा, “हर सदस्य चाहता है कि आम जनता को राहत मिले, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों पर। हम अपनी रिपोर्ट परिषद को सौंपेंगे और अंतिम निर्णय परिषद द्वारा ही लिया जाएगा।”
उच्च दर की वस्तुओं पर कर वृद्धि
GoM ने 15,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले जूतों और 25,000 रुपये से ऊपर की घड़ियों पर जीएसटी की दर 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम उच्च श्रेणी की विलासिता वाली वस्तुओं पर कर संग्रह बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
20 लीटर पानी और साइकिल पर कर की दर घटाने का प्रस्ताव
मंत्री समूह ने 20 लीटर और उससे अधिक के पैकेज्ड पीने के पानी की बोतलों पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, 10,000 रुपये से कम मूल्य की साइकिलों पर भी जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। इसके पीछे का उद्देश्य कम मूल्य वाली वस्तुओं पर कर का बोझ कम करके आम जनता को राहत प्रदान करना है।
साथ ही, छात्रों और अभिभावकों को राहत देने के लिए अभ्यास पुस्तिकाओं पर भी जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया गया है। इससे शिक्षा सामग्री की लागत में कमी आ सकती है, जो एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
जीएसटी परिषद की बैठक और अगली योजना
इस समूह को अक्टूबर 2024 के अंत तक अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपनी है। जीएसटी परिषद द्वारा रिपोर्ट पर विचार कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो देश की कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
वर्तमान जीएसटी स्लैब और प्रस्तावित बदलाव
वर्तमान में जीएसटी के अंतर्गत पांच दर स्लैब हैं – 0%, 5%, 12%, 18%, और 28%। सरकार इन स्लैब्स में बदलाव कर कुछ वस्तुओं पर दरें घटाने और कुछ पर बढ़ाने की योजना बना रही है, ताकि कर प्रणाली को तर्कसंगत और जनहितकारी बनाया जा सके।
यह बदलाव न सिर्फ सरकार के लिए राजस्व संग्रह बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि आम जनता के जीवन पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। उच्च दर की वस्तुओं पर कर बढ़ने से सरकार की आय में वृद्धि होगी, जबकि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट और सस्ती साइकिल, पानी और अभ्यास पुस्तिकाएं आम लोगों के जीवन को सुलभ बनाएंगी।
इस प्रस्तावित बदलाव के बाद, जीएसटी प्रणाली को एक बार फिर से संतुलित करने की कोशिश की जाएगी, ताकि यह न केवल सरकार के लिए राजस्व संग्रह का साधन बने बल्कि जनता के हितों को भी ध्यान में रखे। अब देखना यह है कि जीएसटी परिषद द्वारा इन प्रस्तावों को किस तरह से स्वीकार किया जाता है और इसका असर आम जनता और व्यापारियों पर किस प्रकार पड़ता है।