कभी न माफ़ की जाने वाली गलती – एक खौ़फनाक कहानी

8 Min Read

कभी न माफ़ की जाने वाली गलती के परिणामस्वरूप एक खौ़फनाक कहानी, जिसमें गुस्से के कारण जीवन की महत्वपूर्ण सच्चाई उजागर होती है।

कभी न माफ़ की जाने वाली गलती – एक खौ़फनाक कहानी

मनोज ऑफिस से थका-हारा घर आया। घड़ी की सुइयाँ रात के 9:00 बजे को छूने वाली थीं। वह अपनी सीट पर बैठते हुए बोला, “सुनिए, मुझे बहुत भूख लगी है। कुछ खाने को मिलेगा?” पर उसके घर में जो स्थिति थी, वह इतनी सहज नहीं थी। उसकी पत्नी, रानी, किसी कारणवश उसकी मौजूदगी से परेशान थी।

रानी ने बिना कोई जवाब दिए सिर झुका लिया। उसकी आँखों में गुस्से के अजीब से भाव थे। फिर एक पल में वह बोली, “जाओ, खुद खाओ। मुझे तो नींद आ रही है। मुझे तुम्हारी परेशानियों से कुछ लेना-देना नहीं है।”

मनोज कुछ पल के लिए चुप रहा, जैसे वह समझने की कोशिश कर रहा हो कि वह क्या सुन रहा है। फिर उसने धीरे से कहा, “तुम्हारा गुस्सा ठीक नहीं है रानी, कुछ खा लेने दो, बहुत भूखा हूँ।”

लेकिन रानी ने और ज्यादा तकरार शुरू कर दी। वह पूरी रात मनोज से लड़ती रही, उसे किसी भी चीज़ से सुकून नहीं था। मनोज एक तरफ शांत खड़ा रहा, और उसकी पत्नी रातभर शोर मचाती रही।

अगली सुबह, जब सूरज की पहली किरण दीवार से टकराई, मनोज ने फिर से रानी से कहा, “प्लीज़, मुझे नाश्ता दे दो।” लेकिन इस बार रानी की आँखों में और गुस्सा था। उसने बुरी तरह से कहा, “तुमसे तंग आ चुकी हूँ मैं! तुम मर क्यों नहीं जाते?”

यह बात मनोज ने सुनी, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वह चुपचाप ऑफिस के लिए निकल गया। रानी ने यह वाक्य तब तक महज एक गुस्से की प्रतिक्रिया समझा, जैसे हर दिन का झगड़ा होता था।

लेकिन उस दिन कुछ ऐसा घटित हुआ, जिससे रानी का मन चकरा गया। बच्चों को स्कूल से लेकर जब वह घर लौटी, तो उसे एक अजीब सी खामोशी का अहसास हुआ। घर के बाहर एक बड़ा हुजूम था। लोग खड़े थे और आपस में बुरी बातें कर रहे थे। रानी दौड़ते हुए बाहर निकली और उसे समझ में आया कि क्या हो रहा था। उसके पति मनोज का शव वहीं पड़ा हुआ था।

आगे पढ़े

1. पति के घर में मेरी पहली शाम : मोटिवेशनल कहानी(Motivational Story In Hindi)

2. शादी की पहली रात – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

3. एक बेटी की ख्वाहिश – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

4. एक मुलाकात : मोटिवेशनल कहानी(Motivational Story In Hindi)

5. मोटिवेशनल कहानी(Motivational Story): एक अनजान सफर

6. मेरी शादी की ठंडी रात : मेरी शादी की मजेदार यादें

7. सुहागरात पर उठे सवाल: वर्जिनिटी की आड़ में रिश्ते का अपमान

8. अज्ञात फ़ोन कॉल – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

9.खिड़की से झाँकती नज़रे – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

10. अधूरी उम्मीदें – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

11. एक परची – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

12. बड़ी सोच, छोटी शुरुआत – मोटिवेशनल कहानी

13. रब ने बना दी जोड़ी : मोटिवेशनल कहानी

14. परिवार की ताकत – मोटिवेशनल कहानी

15. पापा की परी – मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi)

 

एक कार ने उसे टक्कर मार दी थी और उसकी जान चली गई थी। रानी के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई। वह बेसुध होकर गिर पड़ी। उसकी आँखों में आंसू थे, लेकिन उसका मन, उसकी आत्मा अब स्थिर हो चुकी थी। लोग आपस में बातें कर रहे थे कि उसे एक कार ने टक्कर मारी और वह मौके पर ही मारा गया। रानी पूरी तरह से टूट गई।

वह दौड़ते हुए अपने पति की लाश के पास पहुंची और बोली, “मनोज, उठो! क्या तुम नहीं सुन सकते? मैं तुमसे माफ़ी मांगती हूँ। मैं तुम्हें कभी नहीं झिड़कूँगी। तुम्हें भूख लगी थी, है ना? आओ, मैं तुम्हें खाना देती हूँ। बस उठो, उठो!”

लेकिन यह सब सिर्फ आंसू और अफसोस था। वह चाह कर भी मनोज को वापस नहीं ला सकती थी। उसने जो शब्द बोले थे, वे अब उसके लिए शाप बन चुके थे। उसकी यह हार, उसका पछतावा, सब कुछ अब उसे महज़ सजा के रूप में मिल रहा था। वह अब समझ पाई कि किसी के बारे में कभी बुरा बोलने से, या किसी के साथ नादानी से पेश आने से क्या परिणाम हो सकते हैं।

मनोज की मृत्यु के बाद रानी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। उसके रिश्तों की रंगत भी अब बदल चुकी थी। जिन लोगों से वह कभी प्यार करती थी, वे अब उसे नफरत की नज़र से देखने लगे। उसके खुद के रिश्तेदार, जो कभी उसकी मदद करते थे, अब उसकी मदद करने से कतराने लगे। उसका अकेलापन अब उसे बहुत गहरे तक महसूस होने लगा।

कुछ दिनों बाद, रानी का घर भी उससे छिन गया। उसके ससुराल वालों ने उसे उसके हिस्से से वंचित कर दिया और घर के सारे अधिकार अपने पास रख लिए। वह अब सड़कों पर भटक रही थी, एक ऐसी औरत, जिसे अपने ही कर्मों का खामियाजा भुगतना पड़ा। उसके पास न कोई सहारा था, न कोई उम्मीद।

यह समय रानी के लिए बहुत कष्टकारी था, लेकिन अब वह पूरी तरह से समझ गई थी कि जीवन में कोई भी इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता। चाहे वह पति हो, या कोई और रिश्तेदार। कोई भी रिश्ते की अहमियत तभी समझ में आती है, जब वह खो जाता है। अब रानी को ये समझ में आया कि एक पति चाहे जैसा भी हो, उसकी अहमियत किसी भी और रिश्ते से कम नहीं होती।

उसने अपने जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई को जाना था कि जो बात मन में हो, वह शब्दों में नहीं कहनी चाहिए। क्योंकि कभी-कभी, शब्दों में ऐसी ताकत होती है कि वह किसी को ताउम्र के लिए बदल कर रख देते हैं। मनोज की मौत ने रानी को यह समझाया था कि पति कोई बाहरी व्यक्ति नहीं होता, वह किसी महिला की दुनिया का हिस्सा होता है। और जब वह चला जाता है, तो पूरी दुनिया बदल जाती है।

अब रानी हर रोज़ मनोज के बारे में सोचती थी और पछताती थी कि काश, उसने उस दिन उसकी भावनाओं को समझा होता। काश, उसने उसे वो शब्द न कहे होते। काश, उसने उस दिन उसका पेट भर दिया होता।

मनोज की यादें अब रानी के दिल में हर पल ताज़ा रहती थीं। उसकी आँखों में आंसू थे, लेकिन एक नई समझ भी थी—कि एक पति और पत्नी के रिश्ते में समझदारी और आदर सबसे अहम होता है। अब रानी ये जान चुकी थी कि जीवन में जो खो जाता है, उसकी अहमियत उसी समय महसूस होती है।

Share This Article
1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version