मोटिवेशनल कहानी(Motivational Story): बुद्ध और उनके शिष्य

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जानिए मोटिवेशनल कहानी ‘बुद्ध और उनके शिष्य’ से जीवन की कठिनाइयों का सामना करने और समस्याओं का समाधान खोजने की प्रेरणा। पढ़ें यह रोचक कहानी।

प्रेरणादायक कहानी(Motivational Story): बुद्ध और उनके शिष्य

एक दिन, भगवान बुद्ध एक पेड़ के नीचे ध्यान में बैठे हुए थे। उनका ध्यान गहरे समाधि में खो गया था। जैसे ही उनका ध्यान समाप्त हुआ, उन्होंने देखा कि उनका गला सूख चुका था और उन्हें पानी की आवश्यकता थी। पास में उनका एक शिष्य मौजूद था, जिसे उन्होंने बुलाया और कहा, “पानी लाओ, शिष्य।”

शिष्य ने तुरंत एक छोटा सा कटोरा लिया और तालाब की ओर चल पड़ा। जब वह तालाब के पास पहुंचा, तो उसने देखा कि तालाब का पानी बहुत गंदा हो गया था। कुछ जानवर तालाब को पार कर चुके थे, और कीचड़ से पानी गंदा हो गया था। शिष्य को यह देखकर बहुत निराशा हुई। वह सोचा, “अब तो यह पानी पीने योग्य नहीं रहेगा।”

वह वापस लौट आया और बुद्ध से कहा, “गुरु जी, तालाब का पानी बहुत गंदा हो गया है, उसमें कीचड़ मिल चुका है। मैं फिर से थोड़ा इंतजार करता हूं, ताकि पानी साफ हो जाए।”

बुद्ध मुस्कराए और शिष्य से कहा, “तुम सही कह रहे हो। लेकिन जीवन में जब कोई रुकावट आ जाए, तो क्या हम वहीं रुक जाएंगे? क्या हम इंतजार करेंगे कि पानी खुद से साफ हो जाए?”

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शिष्य थोड़ा चकित हुआ, लेकिन बुद्ध के शब्दों ने उसे एक नया दृष्टिकोण दिया। फिर बुद्ध ने शिष्य से कहा, “तुम एक बार और तालाब के पास जाओ। इस बार, उस पानी को थोड़ा सा हिला दो, ताकि वह गंदगी ऊपर आ जाए और साफ पानी नीचे जा सके।”

शिष्य ने वैसा ही किया। जब वह तालाब के पास पहुंचा और पानी को हिलाया, तो थोड़ी देर में गंदगी ऊपर आ गई और नीचे का पानी साफ हो गया। शिष्य ने कटोरा भरा और बुद्ध के पास वापस लौट आया।

जब शिष्य ने पानी बुद्ध को दिया, तो बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखो, शिष्य, यह जीवन भी कुछ वैसा ही है। जब तक तुम अपने रास्ते पर पूरी तरह से ध्यान नहीं लगाते, तो तुम्हारे मन में बहुत सी गंदगी और बाधाएं आ सकती हैं। लेकिन जैसे ही तुम उन्हें हल्के से हिलाते हो, सब कुछ साफ और स्पष्ट हो जाता है।”

शिष्य ने सोचा और महसूस किया कि जिस तरह तालाब का पानी गंदा होने पर उसे हल्का सा हिलाने से साफ हो गया, उसी तरह जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना हमें धैर्य और समझदारी से करना चाहिए। समस्याएं किसी न किसी रूप में आती हैं, लेकिन उन्हें हल करने का तरीका हमारी सोच और कर्म पर निर्भर करता है।

बुद्ध ने फिर शिष्य से कहा, “कभी-कभी हमें जीवन के रास्ते पर चलने के दौरान थोड़ी रुकावटें और परेशानियां आती हैं। लेकिन यदि हम अपने मन को शांत और एकाग्र रखें, तो हम उन समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सकते हैं। जैसे गंदे पानी को हिलाने से साफ किया जा सकता है, वैसे ही हमारे मन को भी साफ करने के लिए हमें ध्यान और साधना की आवश्यकता होती है।”

शिष्य ने सिर झुका लिया और बुद्ध के शब्दों को दिल से समझा। उसे यह समझ में आया कि हर समस्या का समाधान है, लेकिन उसके लिए हमें अपने दृष्टिकोण और सोच को सही दिशा में मोड़ने की जरूरत है। जीवन में कभी भी कठिनाई आने पर हमें घबराना नहीं चाहिए। हमें अपने अंदर की ताकत और बुद्धिमत्ता पर विश्वास रखते हुए किसी न किसी उपाय से उन समस्याओं का हल ढूंढना चाहिए।

बुद्ध और उनके शिष्य के इस संवाद ने यह सिखाया कि जीवन में आ रही कठिनाइयों को हमें हर स्थिति में स्वीकार करना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ हमें उनसे ऊपर उठने की भी कोशिश करनी चाहिए। जीवन की समस्याओं को देखकर हमें निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें उन समस्याओं को पार करने के उपाय ढूंढने चाहिए।

जैसे तालाब का गंदा पानी हलचल से साफ हुआ, वैसे ही जीवन के तमाम समस्याएं और उलझनें भी सही सोच और प्रयास से हल हो सकती हैं। यही है सच्चा ज्ञान और मार्गदर्शन, जो बुद्ध ने अपने शिष्य को दिया।

बुद्ध और उनके शिष्य की यह कहानी हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों के समाधान के बारे में सिखाती है, कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों को अवसर के रूप में देखना चाहिए, क्योंकि वही अवसर हमें सिखाते हैं और हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

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