अमेरिकी चुनाव प्रणाली: लोकप्रिय वोट का क्या फायदा, जब अंतिम निर्णय इलेक्टर्स का ही होता है?

6 Min Read

अमेरिकी चुनाव प्रणाली की बात करें तो अक्सर यह सवाल उठता है कि जब राष्ट्रपति का चयन इलेक्टोरल कॉलेज के इलेक्टर्स करते हैं, तो आम जनता क्यों मतदान करती है। इसका जवाब अमेरिकी लोकतंत्र के मूलभूत ढांचे और चुनाव प्रक्रिया के ऐतिहासिक विकास में छिपा है।

अमेरिकी चुनाव प्रणाली: लोकप्रिय वोट का क्या फायदा, जब अंतिम निर्णय इलेक्टर्स का ही होता है?

 

अमेरिका की चुनाव प्रणाली को समझने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि इलेक्टोरल कॉलेज क्या है। अमेरिकी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं, बल्कि राज्यों द्वारा चुने गए इलेक्टर्स के माध्यम से होता है। यह प्रणाली अमेरिका के संस्थापकों द्वारा बनाई गई थी, जिनका उद्देश्य छोटे और बड़े राज्यों के बीच संतुलन बनाना था। इलेक्टोरल कॉलेज की मदद से हर राज्य की आबादी के अनुसार इलेक्टोरल वोट्स दिए जाते हैं।

लोकप्रिय वोट और इलेक्टोरल कॉलेज में अंतर

लोकप्रिय वोट और इलेक्टोरल कॉलेज के बीच अंतर का असर कई बार चुनाव परिणामों में साफ दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी इतिहास में पांच राष्ट्रपति ऐसे रहे हैं, जिन्हें लोकप्रिय वोट में अपने प्रतिद्वंदी से कम समर्थन मिला, फिर भी वे राष्ट्रपति बन गए। इनमें सबसे ताजा उदाहरण 2016 के चुनाव का है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप को 28 लाख कम लोकप्रिय वोट मिले थे, लेकिन वे राष्ट्रपति बनने में कामयाब रहे।

इसका कारण यह है कि अमेरिकी चुनाव प्रणाली में हर राज्य के अपने इलेक्टोरल वोट्स होते हैं, और किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट्स की आवश्यकता होती है। 2016 में ट्रंप ने अहम राज्यों में जीत दर्ज की और कुल 306 इलेक्टोरल वोट्स के साथ राष्ट्रपति बने, जबकि हिलेरी क्लिंटन को 232 इलेक्टोरल वोट्स मिले थे। इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि लोकप्रिय वोट से ज्यादा, महत्वपूर्ण राज्यों में जीतना अमेरिकी चुनावों में निर्णायक होता है।

2020 का चुनाव और वर्तमान स्थिति

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को न केवल लोकप्रिय वोट्स में, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज में भी मात दी। इस बार, डेमोक्रेट्स के पक्ष में 306-232 का इलेक्टोरल वोट्स का अंतर था। यह चुनाव ट्रंप के लिए कठिन साबित हुआ, लेकिन अब 2024 में वे एक बार फिर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं। उनका मुकाबला मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से होने की संभावना है।

क्यों जरूरी है जनता का वोट?

अब सवाल यह उठता है कि अगर अंतिम चयन इलेक्टर्स के माध्यम से होता है, तो जनता का वोट क्यों जरूरी है। दरअसल, जनता के वोट से ही यह तय होता है कि हर राज्य में कौन से इलेक्टर्स राष्ट्रपति चुनने का अधिकार प्राप्त करेंगे। अमेरिकी चुनाव प्रणाली में, आमतौर पर “विनर-टेक्स-ऑल” प्रणाली अपनाई जाती है, यानी जिस उम्मीदवार को किसी राज्य में सबसे अधिक लोकप्रिय वोट मिलते हैं, उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट्स उसी उम्मीदवार को मिलते हैं।

इसका मतलब है कि लोगों के वोट से राज्य स्तर पर परिणाम तय होते हैं, और यह परिणाम अंतिम इलेक्टोरल कॉलेज के वोट्स को प्रभावित करता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से ही आम जनता अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति के चयन में भाग लेती है।

प्रणाली में बदलाव की जरूरत पर बहस

अमेरिकी चुनाव प्रणाली को लेकर समय-समय पर बहस होती रही है। कई लोगों का मानना है कि केवल लोकप्रिय वोट के आधार पर राष्ट्रपति का चयन होना चाहिए, ताकि हर नागरिक का वोट समान रूप से महत्वपूर्ण हो। वर्तमान प्रणाली में बड़े राज्यों के मुकाबले छोटे राज्यों को भी महत्व दिया जाता है, जिससे अमेरिकी संघीय ढांचे का संतुलन बना रहता है।

हालांकि, लोकप्रिय वोट और इलेक्टोरल वोट्स में अंतर के कारण कई लोग इसे असमान मानते हैं और चाहते हैं कि सीधे तौर पर लोकप्रिय वोट से राष्ट्रपति का चुनाव हो। वहीं, कुछ लोग इलेक्टोरल कॉलेज को अमेरिकी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं, जो राज्यों के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखने में सहायक है।

क्या 2024 का चुनाव प्रणाली में बदलाव लाएगा?

2024 का चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। ट्रंप का मुकाबला कमला हैरिस से होने की संभावना है, और इसमें फिर से इलेक्टोरल कॉलेज का प्रभाव देखने को मिलेगा। अगर इस चुनाव में फिर से लोकप्रिय वोट और इलेक्टोरल वोट्स में अंतर नजर आता है, तो अमेरिकी जनता और राजनीतिक नेताओं के बीच चुनाव प्रणाली में बदलाव की मांग और तेज हो सकती है।

निष्कर्ष

अमेरिकी चुनाव प्रणाली को समझना जरूरी है, क्योंकि यह केवल लोकप्रिय वोट पर निर्भर नहीं करती, बल्कि राज्यों की सहमति और संतुलन को बनाए रखती है। जनता का मतदान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी से राज्य स्तर पर इलेक्टर्स का चयन होता है और अंततः राष्ट्रपति का चुनाव होता है।

अमेरिकी लोकतंत्र का यह ढांचा भले ही जटिल लगे, लेकिन यह अमेरिकी संघीय ढांचे और राज्यों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है।

TAGGED:
Share This Article
Exit mobile version