झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार आज समाप्त हो गया। चुनावी प्रचार के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चर्चित “बुलडोजर” बयान से सियासी माहौल गर्म कर दिया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्यों में मनमानी ढंग से की जा रही विध्वंस कार्रवाई पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जमशेदपुर में दिए गए बयान ने खींचा ध्यान
झारखंड के जमशेदपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी गठबंधन ने झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों और केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए फंड को लूटा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उन्होंने झारखंड की प्राकृतिक संपदा को माफियाओं के हवाले कर दिया है। बेटियों, भूमि और भोजन पर खतरा बढ़ाया है। लेकिन अब बुलडोजर तैयार है, और जो भी राज्य को नुकसान पहुंचा रहा है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
‘भूमि जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ पर तीखा प्रहार
मुख्यमंत्री ने झारखंड की सरकार पर ‘भूमि जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या शरणार्थियों को यहां शरण देकर राज्य को कमजोर किया जा रहा है। “झारखंड की धरती को खोखला करने वाले और माफियाओं के साथ साठगांठ करने वालों को भाजपा का एनडीए गठबंधन किसी भी हालत में बख्शेगा नहीं,” उन्होंने रैली में कहा।
‘राम मंदिर’ और ‘कृष्ण कन्हैया मंदिर’ का मुद्दा
योगी आदित्यनाथ ने झारखंड की जनता को संबोधित करते हुए राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने वर्षों तक राम मंदिर के निर्माण में रोड़े अटकाए। लेकिन भाजपा सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू किया। अब समय आ गया है मथुरा में कृष्ण कन्हैया मंदिर के निर्माण का।” इस बयान से योगी आदित्यनाथ ने न केवल धार्मिक भावनाओं को छूने की कोशिश की, बल्कि चुनावी मैदान में भाजपा की विचारधारा को मजबूती से प्रस्तुत किया।
विपक्षी दलों ने की आलोचना
योगी आदित्यनाथ के बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जेएमएम और कांग्रेस ने इसे झारखंड की जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया। जेएमएम के प्रवक्ता ने कहा, “योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल लोकतंत्र पर हमला है। झारखंड की जनता विकास चाहती है, न कि विभाजनकारी राजनीति।” कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह झारखंड की असल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही है।
झारखंड की जनता का फैसला शनिवार को
झारखंड में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान परसों यानी बुधवार को होगा। पहले चरण में जनता ने बढ़-चढ़कर मतदान किया था। अब देखना है कि भाजपा का बुलडोजर मॉडल और योगी आदित्यनाथ का आक्रामक प्रचार जनता को कितना प्रभावित करता है। झारखंड में सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके गठबंधन की है। वोटों की गिनती शनिवार को होगी, और उसी दिन यह तय होगा कि जनता ने किसे अपना विश्वास दिया।
चुनावी प्रचार में योगी का बुलडोजर मॉडल कितना असरदार?
योगी आदित्यनाथ का “बुलडोजर” मॉडल, जिसे उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपनाया, कई बार विवादों में घिरा रहा है। यह मॉडल अवैध निर्माणों और माफिया गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के रूप में पेश किया जाता है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसे अक्सर कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। झारखंड में इस मॉडल को चुनावी मुद्दा बनाना भाजपा की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड की विविधतापूर्ण जनता इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ के बयान ने चुनावी माहौल को गरम कर दिया है। उनके बुलडोजर मॉडल और तीखे बयान ने जनता के बीच चर्चा को बढ़ा दिया है। अब सवाल यह है कि क्या यह बयान भाजपा के पक्ष में वोटों को मोड़ पाएगा या विपक्षी दलों के आरोपों के बीच यह मुद्दा सिर्फ चुनावी रैलियों तक सिमट जाएगा? झारखंड के विधानसभा चुनाव परिणाम न केवल राज्य की राजनीति पर असर डालेंगे, बल्कि यह भी तय करेंगे कि भाजपा की चुनावी रणनीतियां और योगी आदित्यनाथ का मॉडल दूसरे राज्यों में कितना प्रभावी हो सकता है।