अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी परिवर्तन टीम की सह-अध्यक्ष लिंडा मैकमैहन को शिक्षा विभाग की सचिव के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। यह फैसला मंगलवार रात लिया गया, जब यह स्पष्ट हो गया कि वाणिज्य सचिव के पद के लिए मैकमैहन को दरकिनार किया जाएगा। उसी दिन ट्रंप ने वाणिज्य विभाग का नेतृत्व करने के लिए अपने दूसरे सह-अध्यक्ष हावर्ड लुटनिक को नामित किया।
ट्रंप का बयान और उनका उद्देश्य
ट्रंप ने इस नियुक्ति पर कहा,
“लिंडा अपने दशकों के नेतृत्व अनुभव और शिक्षा एवं व्यवसाय की गहरी समझ का उपयोग करके अमेरिकी छात्रों और कामगारों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाएंगी। हम शिक्षा को वापस राज्यों के हाथ में देंगे और इस दिशा में लिंडा मुख्य भूमिका निभाएंगी।”
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का उद्देश्य अमेरिका को शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया में नंबर वन बनाना है।
लिंडा मैकमैहन का करियर और राजनीतिक पृष्ठभूमि
लिंडा मैकमैहन, जो पहले एक पेशेवर रेसलिंग की कार्यकारी अधिकारी और रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख दानकर्ता रह चुकी हैं, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान स्मॉल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की प्रशासक के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्हें 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था और 2019 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद, उन्होंने अमेरिका फर्स्ट एक्शन नामक ट्रंप समर्थक सुपर पीएसी की अध्यक्षता संभाली। 2021 में लिंडा ने अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट (AFPI) की स्थापना में भी मुख्य भूमिका निभाई, जो एक ट्रंप समर्थक थिंक टैंक है। यह संस्थान ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की संभावित नीतियों की योजना बनाने के लिए काम कर रहा है। इसे अक्सर “व्हाइट हाउस-इन-वेटिंग” के रूप में वर्णित किया जाता है।
एजेंसी की चुनौतियां और नई शिक्षा नीति की दिशा
ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार शिक्षा विभाग को खत्म करने की बात कही थी। इस प्रस्ताव को लागू करना आसान नहीं होगा क्योंकि यह विभाग अमेरिका के लगभग हर सार्वजनिक स्कूल को फंडिंग प्रदान करता है और $1.6 ट्रिलियन के संघीय छात्र ऋण पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है। इसे बंद करने के लिए कांग्रेस के अधिनियम की आवश्यकता होगी, जो मुश्किल काम है।
हालांकि, यह संभव है कि शिक्षा विभाग के कुछ कार्यक्रमों को अन्य संघीय एजेंसियों में स्थानांतरित किया जाए। रिपब्लिकन पार्टी का मुख्य उद्देश्य संघीय सरकार की भूमिका को स्थानीय शिक्षा में कम करना है। इसके तहत, फंडिंग कार्यक्रमों को बनाए रखते हुए, धनराशि को राज्यों और स्कूलों तक कम शर्तों के साथ वितरित करने पर जोर दिया जा सकता है।
लिंडा मैकमैहन को शिक्षा विभाग में LGBTQ+ छात्रों के अधिकारों को लेकर बाइडेन प्रशासन द्वारा किए गए बदलावों को पलटने की दिशा में काम करने का भी दायित्व सौंपा जा सकता है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में वादा किया था कि वह ट्रांसजेंडर छात्रों को लड़कियों की खेल टीमों में खेलने से रोकने के लिए नीतियां बनाएंगे।
लिंडा मैकमैहन की उपलब्धियां और विवाद
लिंडा मैकमैहन WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) की पूर्व सीईओ भी रह चुकी हैं। उन्होंने अपने पति विंस मैकमैहन के साथ मिलकर इस कंपनी की स्थापना की थी। उनके नेतृत्व में WWE एक छोटे से रेसलिंग एंटरटेनमेंट व्यवसाय से एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध मीडिया साम्राज्य में बदल गया। उन्होंने 2009 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था। मैकमैहन ने दो बार अमेरिकी सीनेट के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार असफल रहीं। 2010 और 2012 में कनेक्टिकट से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने क्रमशः $50.1 मिलियन और $48.7 मिलियन खर्च किए। ट्रंप ने भी 2012 में उनकी चुनावी मुहिम के लिए $5,000 का दान दिया था। मैकमैहन खुद एक प्रमुख रिपब्लिकन दानकर्ता हैं। ट्रंप के पहले राष्ट्रपति अभियान के दौरान, उन्होंने दो ट्रंप समर्थक सुपर पीएसी को $7 मिलियन से अधिक का योगदान दिया।
लिंडा मैकमैहन का भविष्य में संभावित प्रभाव
लिंडा मैकमैहन की नियुक्ति से ट्रंप प्रशासन की शिक्षा नीति की दिशा स्पष्ट होती है। यह नियुक्ति न केवल संघीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव की ओर इशारा करती है बल्कि रिपब्लिकन एजेंडे को मजबूत करने का संकेत भी देती है। अगर लिंडा मैकमैहन इस पद को संभालती हैं, तो शिक्षा विभाग का नेतृत्व उनके अनुभव और व्यवसायिक दृष्टिकोण को दर्शाएगा। ट्रंप प्रशासन के तहत उनका उद्देश्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना होगा बल्कि इसे व्यवसायिक और राज्य-केंद्रित दृष्टिकोण से संचालित करना होगा।
निष्कर्ष
लिंडा मैकमैहन की शिक्षा सचिव के रूप में नियुक्ति ट्रंप की नई शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण कदम है। उनके नेतृत्व में शिक्षा को संघीय स्तर से हटाकर राज्य स्तर पर अधिक अधिकार देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लिंडा के व्यवसायिक अनुभव और रिपब्लिकन पृष्ठभूमि के चलते यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षा के क्षेत्र में उनकी भूमिका कितनी प्रभावशाली साबित होती है।