हरियाणा चुनाव परिणाम 2024: मोदी के नाम पर बंपर जीत, बाजार में उछाल

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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 ने कई राजनीतिक भविष्यवाणियों को धता बताते हुए भाजपा को एक बार फिर से सत्ता में लौटाने का संकेत दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार की कृषि-हितैषी नीतियों ने ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित किया। इससे मोदी से संबंधित शेयरों में भी जोरदार उछाल देखा गया, जिनमें से कई ने एक दिन में 8% तक की वृद्धि दर्ज की।

हरियाणा चुनाव परिणाम 2024: मोदी के नाम पर बंपर जीत, बाजार में उछाल

शेयर बाजार में उछाल

मार्केट में हालिया गिरावट के बाद, मंगलवार को मोदी स्टॉक्स ने जबरदस्त वापसी की। PSU स्टॉक्स, विशेषकर रेलवे और रक्षा से संबंधित कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। RVNL के शेयरों में 8% की वृद्धि हुई, जबकि HUDCO ने 7% और PFC, REC, IRCON, HAL, BEL, मजगांव डॉक और कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में 4-6% की बढ़त दिखाई। इस सभी गतिविधियों का मुख्य कारण चुनावों में भाजपा की संभावित जीत है।

चुनाव परिणामों का प्रभाव

चुनाव परिणामों के ताजे रुझानों के अनुसार, हरियाणा में भाजपा 50 सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने 23 सीटों पर बढ़त बनाई है, जबकि NC-कांग्रेस गठबंधन ने 51 सीटें प्राप्त कर ली हैं। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को हुआ था, जिसमें लगभग 68% की भागीदारी दर्ज की गई।

हरियाणा में भाजपा का प्रभाव

भाजपा ने पहले ही 2014 और 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी स्थिति को मजबूत किया था। इस बार, पार्टी ने ओबीसी नेता नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर एक स्मार्ट बदलाव किया। इस निर्णय ने न केवल भाजपा की छवि को निखारा बल्कि हरियाणा के विविध निर्वाचन क्षेत्र की जरूरतों को भी पूरा किया।

कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन

कांग्रेस ने इस चुनाव में आंतरिक फूट और अपने प्रमुख नेताओं के बीच की प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ा। भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में टिकट वितरण ने संभावित विजेताओं को दरकिनार कर दिया, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। कांग्रेस की राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की रणनीति ने भी हरियाणा के स्थानीय मुद्दों को पीछे छोड़ दिया, जिससे उनकी जीत की संभावनाएं कम हो गईं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव: 10 साल बाद बदलाव

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 10 वर्षों में पहली बार हो रहे थे। 2014 के चुनावों में PDP और भाजपा ने एक दुर्लभ गठबंधन सरकार बनाई थी, लेकिन यह सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाई। अब, जम्मू-कश्मीर के लोग 2018 के बाद पहली बार अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों का चुनाव कर रहे हैं।

बाजार के रुझान और भविष्यवाणियां

हरियाणा चुनाव के परिणाम केवल राज्य की राजनीति पर प्रभाव डालने वाले नहीं हैं, बल्कि यह आने वाले चुनावों, जैसे कि महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बाजार में भी सुधार का रुख दिखाई दे रहा है, लेकिन निवेशकों को सावधान रहना होगा। Nifty के लिए 25,150-25,300 के बीच एक महत्वपूर्ण प्रतिरोध क्षेत्र है।

निष्कर्ष

हरियाणा के चुनाव परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। भाजपा ने न केवल अपने नेतृत्व को बदलकर बल्कि स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके एक आश्चर्यजनक जीत हासिल की है। राजनीतिक परिदृश्य में यह बदलाव आगामी चुनावों की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। अब देखना यह है कि भाजपा अपनी इस जीत का फायदा उठाकर राज्य की राजनीति में कैसे आगे बढ़ती है।

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